मिंजर मेला चंबा का एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मेला है जो रावी नदी में मिंजर विसर्जन के साथ संपन्न होता है। यह मेला धान और मक्के की फसल के प्रतीक “मिंजर” को रावी नदी में प्रवाहित करके मनाया जाता है।
अखंड चंडी पैलेस से शोभायात्रा और मिंजर विसर्जन
चम्बा का ऐतिहासिक एवं अंतर्राष्ट्रीय Minjar Fair रविवार को Ravi river में मिंजर विसर्जन की रस्म के साथ संपन्न हो गया। इस वर्ष मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खराब मौसम के कारण दिल्ली से नहीं आ पाए, इसलिए उनकी अनुपस्थिति में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने यह ritual पूरी की। समापन से पहले, अखंड चंडी पैलेस से एक भव्य procession (शोभायात्रा) निकाली गई, जो शहर के मुख्य बाजार से होते हुए मंजरी गार्डन तक पहुंची।
प्रमुख देवताओं और लोक गायकों की उपस्थिति
इस शोभायात्रा का नेतृत्व शहर के प्रमुख देवता भगवान रघुवीर ने किया, जिसमें अन्य स्थानीय देवी-देवताओं ने भी भाग लिया। इसके साथ ही, पुलिस और होमगार्ड के जवानों की टुकड़ियां भी शामिल थीं, जो इस parade को और भी आकर्षक बना रही थीं। मंजरी गार्डन पहुंचने पर, लोकगायकों ने पारंपरिक Kunjadi Malhar गीत गाए, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो गया। इसके बाद, पान वितरण और मंत्रोच्चारण के साथ, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने रावी नदी में नारियल और मिंजर प्रवाहित कर सभी के लिए सुख-समृद्धि की कामना की।
अंतिम सांस्कृतिक संध्या और अतिथि सम्मान
मिंजर विसर्जन से पहले, विधानसभा अध्यक्ष ने ऐतिहासिक चौगान में छिंज मुकाबले का भी आनंद लिया। रात्रि में, उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मिंजर मेले की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। मिंजर मेला समिति की ओर से उन्हें शॉल, टोपी और एक memento भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने मेले की स्मारिका का विमोचन भी किया। इस दौरान सदर विधायक नीरज नैयर, चुराह के विधायक डॉ. हंसराज और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने इस event की शोभा बढ़ाई।