मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिला कांगड़ा में 10 लघु खनिज खदानों और बिलासपुर में 11 खदानों की पुन: नीलामी को मंजूरी दी गई, जिससे 18.82 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इन फैसलों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे और अवैध खनन पर भी अंकुश लगेगा।
अवैध गतिविधियों पर नकेल
विनिर्माण इकाइयों में अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए, कैबिनेट ने प्रत्येक डिस्टिलरी, बॉटलिंग और ब्रूअरी संयंत्रों में दो होमगार्ड और एक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी को तैनात करने का फैसला किया। अधिकारियों का रोटेशन भी निर्धारित अवधि के बाद किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 50 करोड़ रुपए से अधिक की निवेश परियोजनाओं पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पर्यटन निवेश प्रोत्साहन परिषद का गठन किया गया है।
जनहितकारी योजनाएं और नीतियां
कैबिनेट ने एचआरटीसी द्वारा मुफ्त या रियायती यात्रा के लिए पात्र लाभार्थियों को ‘हिम बस कार्ड’ जारी करने की अनुमति दी है। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश सदभावना विरासत मामलों के निपटान की योजना-2025 का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा, जो 1 सितंबर, 2025 से तीन महीने तक चलेगा और इसका उद्देश्य 30,000 लंबित मामलों का निपटारा करना है। इसमें वित्त वर्ष 2020-21 तक के पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट से संबंधित मामले भी शामिल होंगे।
वाहनों के लिए वन टाइम पॉलिसी
सरकार ने नियमित अपंजीकृत निर्माण उपकरण वाहनों के पंजीकरण के लिए वन टाइम लेगेसी पॉलिसी को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत, वाहन मालिक एकमुश्त टैक्स और बकाया जुर्माने की 50% राशि जमा कर अपने वाहनों का पंजीकरण करा सकेंगे। यह नीति अधिसूचना की तिथि से तीन माह तक लागू रहेगी और इससे राज्य के लगभग 2795 वाहन लाभान्वित होंगे।
सोलन-सिरमौर में बनेंगे सैटेलाइट टाउन
कैबिनेट ने सोलन और सिरमौर जिले के पंजाब और हरियाणा सीमा से सटे क्षेत्रों में सैटेलाइट टाउन बनाने के फैसले को भी मंजूरी दी। इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक उप-समिति का गठन किया गया है। इन टाउन्स के निर्माण से सीमावर्ती इलाकों में विकास और सुरक्षा दोनों को मजबूती मिलेगी।
खाली सरकारी भवनों का उपयोग
मंत्रिमंडल ने तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित उप-समिति की सिफारिशों को भी स्वीकार किया। इन सिफारिशों का उद्देश्य खाली पड़े सरकारी भवनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना है। इसके तहत एक नोडल एजेंसी नामित की जाएगी जो विभागों, बोर्डों और निगमों को कार्यस्थल उपलब्ध कराएगी।