हिमाचल की हिम्मत: साहस के साथ आपदा से उबरने की कहानी

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हिमाचल प्रदेश ने आपदा का सामना साहस और एकजुटता से किया। जानें कैसे यहाँ के लोग, सरकार और समुदाय मिलकर पुनर्निर्माण और भविष्य की तैयारियों में जुटे हैं।

भारी बारिश और बाढ़ के बाद भी हिमाचल ने हार नहीं मानी। इस लेख में जानें कि कैसे राज्य अब भविष्य की आपदाओं से निपटने के लिए मजबूत योजनाएँ बना रहा है।

मार्कंडेय मंदिर में राज्यपाल ने की पूजा-अर्चना

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला ने श्रावण माह के पावन अवसर पर सोमवार को बिलासपुर के ऐतिहासिक मार्कंडेय मंदिर में पूजा-अर्चना की। राज्यपाल ने इस दौरान हिमाचल प्रदेश के लोगों की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऋषि मार्कंडेय को भगवान शिव और भगवान विष्णु का परम भक्त माना जाता है। उन्होंने इस मंदिर को प्रदेश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक बताया।

मंडी में आपदा प्रभावितों का साहस

मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान, राज्यपाल ने मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का अपना दौरा साझा किया। उन्होंने आपदा के कारण हुए जान-माल के नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में क्षेत्र के लोगों ने अद्भुत साहस और दृढ़ता का परिचय दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि इतनी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद लोगों का मनोबल मजबूत बना हुआ है।

हिमाचल वासियों पर बना रहे आशीर्वाद

राज्यपाल ने कामना की कि ऋषि मार्कंडेय प्रदेश के लोगों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें और उनकी रक्षा करें। इस अवसर पर उपायुक्त राहुल कुमार ने राज्यपाल और लेडी गवर्नर का अभिनंदन किया। राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा, बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक संदीप धवल और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी भी वहाँ उपस्थित थे।

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