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पौंग झील में बाढ़ के बाद बहकर आई बेशकीमती लकड़ी

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भारी बारिश और बाढ़ के चलते हिमाचल की पौंग झील में बहकर बेशकीमती लकड़ी पहुंच गई है। स्थानीय लोग बड़ी संख्या में लकड़ी एकत्रित करने पहुंच रहे हैं, जिससे अवैध कटान और वन विभाग की निगरानी पर सवाल उठ रहे हैं।

पौंग झील के पास फैली बेशकीमती लकड़ी

जवाली: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के पंडोह बांध के गेट खोले जाने के बाद अब कांगड़ा जिले की पौंग झील में भारी मात्रा में बेशकीमती लकड़ी देखी जा रही है। मुख्य गेट के आसपास दूर-दूर तक यह लकड़ी फैली हुई है, जिसे स्थानीय लोग उठाना शुरू कर चुके हैं।

पंडोह डैम से बहकर पहुंची लकड़ी

यह लकड़ी पंडोह डैम के गेट खुलने के कारण बहती हुई पौंग झील तक पहुंची है। हर साल की तरह इस बार भी बाढ़ के कारण बहकर आई लकड़ी स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है।

पिछले साल भी उठा चुके हैं लोग लकड़ी

बीते वर्ष भी पौंग झील में इसी प्रकार की बेशकीमती लकड़ी बहकर आई थी। तब भी लोगों ने बड़ी मात्रा में लकड़ी उठा ली थी। जब वन्य प्राणी विभाग को इसकी जानकारी मिली, तो विभाग ने कार्रवाई करते हुए लकड़ी को कब्जे में लिया था।

विभाग की चेतावनी: लकड़ी उठाई तो होगी सख्त कार्रवाई

वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि मामला विभाग के संज्ञान में है। उन्होंने चेतावनी दी कि कोई भी व्यक्ति झील में आई लकड़ी को न उठाए। यदि किसी को ऐसा करते पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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