हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शक्ति पीठों में से एक चिंतपूर्णी मंदिर में श्रावण अष्टमी मेला कल से प्रारंभ हो रहा है। इस पावन अवसर पर मंदिर को 24 घंटे श्रद्धालुओं के लिए खुला रखा जाएगा, ताकि हर कोई माता के दर्शन कर सके।
मेला प्रशासन और पुलिस विभाग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। सीसीटीवी निगरानी, महिला पुलिस की तैनाती, और डॉग स्क्वॉड जैसे संसाधनों को सक्रिय किया गया है। भीड़ नियंत्रण और आपात स्थितियों से निपटने के लिए राहत दलों को भी सतर्क रखा गया है।
25 जुलाई से शुरू होंगे श्रावण अष्टमी मेले, मां के दरबार सजने लगे
हिमाचल प्रदेश के पांचों शक्तिपीठों—श्री ब्रजेश्वरी देवी, श्री ज्वालामुखी, श्री नयनादेवी, श्री चामुंडा देवी और श्री चिंतपूर्णी—में 25 जुलाई से 3 अगस्त तक श्रावण अष्टमी नवरात्र मेले का आयोजन होगा। मां के मंदिरों को फूलों और रंग-बिरंगे सजावटी सामान से सजाया जा रहा है। नवरात्र के दौरान विशेष पूजा-अर्चना और भव्य भोग का आयोजन किया जाएगा। सभी मंदिरों में मईया की आरती, स्नान और श्रृंगार का समय निर्धारित किया गया है। चिंतपूर्णी मंदिर विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे खुला रहेगा।
चिंतपूर्णी मंदिर रहेगा 24 घंटे खुला, रात 11 से 12 बजे तक सफाई के लिए बंद
चिंतपूर्णी मंदिर के पुजारी रविंद्र छिंदा ने बताया कि मंदिर दिन-रात खुला रहेगा, केवल रात 11 बजे से 12 बजे तक सफाई के लिए बंद किया जाएगा। सुबह चार बजे मईया का स्नान और श्रृंगार होगा, इसके बाद आरती और भोग लगेगा। दोपहर 12 से 12:30 बजे तक मंदिर फिर से थोड़ी देर के लिए बंद रहेगा। मां को मेवा, चना-पूरी, हलवा, चावल, मालपूड़ा, खीर, दूध और फल चढ़ाए जाएंगे।
नयनादेवी मंदिर में रात को होगी चार आरतियां
नयनादेवी मंदिर नवरात्र में रात 12 से 2 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। इस दौरान मां का स्नान और श्रृंगार किया जाएगा और फिर एक साथ चार आरतियां होंगी। पुजारी तरुणेश शर्मा ने बताया कि दोपहर और शाम के समय भी विशेष भोग अर्पित किए जाएंगे, जिसमें हलवा, चने, पूरी, बर्फी, मेवा और फल शामिल होंगे।
चामुंडा देवी मंदिर सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक खुला
चामुंडा देवी मंदिर में सावन अष्टमी नवरात्र के दौरान मां को विशेष भोग चढ़ाए जाएंगे। पुजारी ओम व्यास ने बताया कि मंदिर सुबह 5 बजे खुलेगा और रात 10 बजे बंद होगा। सुबह सबसे पहले स्नान और श्रृंगार के बाद 8 बजे आरती होगी। मां को हलवा और चने का भोग अर्पित किया जाएगा।
ब्रजेश्वरी देवी मंदिर में तीन समय होंगे भोग
ब्रजेश्वरी देवी मंदिर सुबह 4 बजे खुलेगा और रात 9 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहेगा। पुजारी राम प्रसाद ने बताया कि सुबह 5 बजे स्नान, श्रृंगार और आरती के बाद चना-पूरी, मेवा व दूध का भोग लगेगा। दोपहर 12 बजे चावल, दाल और सब्जी का भोग चढ़ाया जाएगा। शाम को साढ़े 7 बजे अंतिम आरती व भोग होगा।
सप्तमी, अष्टमी, नवमीं को रातभर खुला रहेगा ज्वालामुखी मंदिर
ज्वालाजी मंदिर में नवरात्र के दौरान मंदिर सुबह 5 बजे खुलेगा और रात 10 बजे बंद होगा। पुजारी अनिल शर्मा ने बताया कि स्नान, श्रृंगार और आरती के बाद सुबह मां को मालपूड़े, पीले चावल और दही का भोग चढ़ाया जाएगा। दोपहर 11:30 से 12:30 बजे तक आरती के साथ कांगड़ी धाम का भोग अर्पित होगा। खास बात यह है कि सप्तमी, अष्टमी और नवमीं की रात मंदिर पूरी रात खुला रहेगा।