एक सरकारी स्कूल जहां कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को पढ़ाने के लिए कोई विषय अध्यापक ही नहीं है। जानिए इस शिक्षा व्यवस्था की खामियों और छात्रों की परेशानियों के बारे में पूरी जानकारी।
सरकारी School की अनदेखी बनी छात्रों के भविष्य की दुश्मन
जिला सिरमौर की दूरदराज Sakholi पंचायत के गांव Dhang Ruhana में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (GSSS) पिछले तीन वर्षों से कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए एक भी Subject Teacher नहीं है। इतना ही नहीं, Principal का पद भी Vacant पड़ा है, जिससे स्कूल प्रशासन पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है।
2022 में मिला सीनियर सेकेंडरी का दर्जा, लेकिन अब तक No Staff
इस स्कूल को 2022 में High School से Senior Secondary School का दर्जा मिला था, लेकिन तब से अब तक सरकार द्वारा यहां जरूरी teaching staff नहीं भेजा गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह केवल नाम का अपग्रेड था, असल में स्कूल की हालत पहले से भी बदतर हो गई है।
SMC और ग्रामीणों की गुहार, लेकिन No Response from Authorities
School Management Committee (SMC) के अध्यक्ष दिनेश कुमार ने बताया कि उन्होंने तीन वर्षों में अनेकों बार SDM, Deputy Director (Sirmaur) और Industry Minister हर्षवर्धन चौहान से मिलकर इस समस्या को उठाया, मगर नतीजा zero रहा। ग्रामीणों में राजनीतिज्ञों के प्रति गहरा रोष है क्योंकि वे केवल वादे करते हैं, समाधान कोई नहीं देता।
“Leaders सिर्फ वोट के समय आते हैं” – Residents Express Anger
स्थानीय निवासी गोपाल ठाकुर ने कहा, “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक सरकारी स्कूल में तीन साल से कोई अध्यापक ही नहीं है। यही है सरकार का ‘व्यवस्था परिवर्तन’ जहां बच्चों का भविष्य अंधकार में है।”
वहीं मित्रा देवी ने कहा कि अधिकांश ग्रामीण agriculture और मजदूरी से जीवन चलाते हैं और उनके पास इतने resources नहीं हैं कि बच्चों को Private Schools या शहर भेज सकें।
People Demand Immediate Action
ग्रामीणों ने सरकार से Immediate Teacher Appointment की मांग की है। इस मौके पर कई स्थानीय लोग मौजूद रहे जैसे: दिनेश कुमार, गोपाल ठाकुर, मनोज ठाकुर, अतर सिंह, गुमान सिंह, भगवान सिंह, बालक राम, और अन्य।