हिमाचल के संजय चौहान ने YouTube से कमाई गई 7 लाख रुपये की राशि बाढ़ पीड़ितों को दान कर दी। अपने परिवार और समाज के लिए मिसाल बन चुके संजय आज युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। जानें उनकी यह प्रेरणादायक कहानी।
लगन हो तो कुछ भी संभव है: संजय चौहान बना युवाओं के लिए मिसाल
यदि मन में passion हो और कुछ अलग करने का जज़्बा, तो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। आज का digital era उन युवाओं के लिए नए अवसर लेकर आया है जो खुद की पहचान बनाना चाहते हैं। इसी राह पर चलकर हिमाचल की सैंज घाटी के शांघड़ गांव के संजय चौहान ने साबित कर दिया कि सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि समाज सेवा का ज़रिया भी बन सकता है।
यूट्यूब से जुटाए सात लाख, बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दिया योगदान
संजय चौहान ने पारंपरिक रास्तों से हटकर YouTube blogging की दुनिया में कदम रखा और आज उनके पास पांच लाख से अधिक followers हैं। हाल ही में जब सैंज घाटी में प्राकृतिक आपदा के चलते कई परिवार प्रभावित हुए, तब संजय ने अपने YouTube channel earnings से ₹7 लाख की धनराशि जुटाकर बाढ़ पीड़ितों की मदद की। यह न सिर्फ एक मानवीय कार्य था, बल्कि responsible influencer बनने का एक शानदार उदाहरण भी।
शानदार फोटोग्राफी और यात्रा अनुभवों के दीवाने हैं फॉलोअर्स
संजय की visual storytelling, यात्रा वृतांतों और local culture को दर्शाने का तरीका उनके चैनल को खास बनाता है। उनके वीडियोज़ हिमाचल की घाटियों, संस्कृति, और जनजीवन को दुनिया के सामने पेश करते हैं। लोग न केवल मनोरंजन लेते हैं, बल्कि information और inspiration दोनों ही प्राप्त करते हैं।
पंचायत प्रतिनिधियों और समाज से मिल रही सराहना
सैंज घाटी के पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय नेताओं ने संजय को युवाओं का आदर्श बताया है। वे कहते हैं कि जहां एक ओर कई युवा सोशल मीडिया को केवल टाइम पास समझते हैं, वहीं संजय ने उसे purposeful platform बना दिया है। आज संजय अपने गांव, घाटी और पूरे राज्य के लिए prerna ka strot (प्रेरणा का स्रोत) बन चुके हैं।
निष्कर्ष: एक प्रेरणादायक यूट्यूबर, एक सच्चा समाजसेवी
संजय चौहान सिर्फ एक YouTuber नहीं, एक ऐसा नाम बन गया है जो बताता है कि अगर digital influence का इस्तेमाल सही दिशा में हो, तो वह समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है। उन्होंने दिखा दिया कि “फॉलोअर्स की संख्या से ज्यादा ज़रूरी है इरादा और भावना।”