पौंग डैम का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता गहराने लगी है। पिछले साल आई बाढ़ की भयावह तस्वीरें अब भी लोगों के जहन में ताजा हैं। जानिए ताजा हालात और प्रशासन की तैयारी।
लगातार बारिश और पौंग डैम का बढ़ता जलस्तर
हिमाचल प्रदेश में इन दिनों heavy rain लगातार कहर बरपा रही है। इसी के साथ पंडोह बांध से छोड़े जा रहे पानी के कारण कांगड़ा जिले की महाराणा प्रताप सागर झील, जिसे Pong Dam Lake कहा जाता है, का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार को जलस्तर 1324.08 फुट रिकॉर्ड किया गया है, जबकि danger mark 1390 फुट पर है। जैसे ही यह स्तर पार होगा, बीबीएमबी (BBMB) द्वारा ब्यास नदी में पानी छोड़ना तय है।
बाढ़ का खतरा और निचले इलाकों की चिंता
पौंग बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और situation is becoming critical। यदि जलस्तर 1390 फुट तक पहुंचता है तो मंड क्षेत्र, इंदौरा और पंजाब के आसपास के इलाके इसकी चपेट में आ सकते हैं। हर साल इन इलाकों में flash flood जैसी स्थिति बन जाती है। बारिश के साथ ही लोगों की पुरानी यादें और डर फिर से उभरने लगे हैं।
पिछले साल की तबाही अब भी यादों में ताजा
सिर्फ एक साल पहले ही इन क्षेत्रों में भारी तबाही हुई थी। लोगों की agricultural lands, मकान, रास्ते और पुल सब कुछ बह गया था। कई लोगों ने रातें अपने घरों की छतों पर काटी थीं। सेना की मदद से rescue operations चलाए गए थे। Army helicopters द्वारा कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया था। इस बार ऐसी नौबत न आए, इसके लिए पहले से strong measures लेने की ज़रूरत है।
सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज ने जताई चिंता
कांगड़ा-चंबा से सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज का कहना है कि हर साल बरसात में पौंग बांध से छोड़े गए पानी के कारण मंड और इंदौरा क्षेत्र में तबाही आती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस विषय पर हमेशा voice raise की है और अब भी लगातार अधिकारियों से संपर्क में हैं। BBMB अधिकारियों को आदेश दे दिए गए हैं और administration alert है। किसी भी आपात स्थिति में evacuation प्रक्रिया को तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्थायी समाधान की मांग
सांसद भारद्वाज ने कहा कि भविष्य में इस समस्या का permanent solution निकालना ज़रूरी है। इसके लिए वह लोकसभा में ब्यास नदी के channelization की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को भी इस दिशा में गंभीरता से सोचना चाहिए ताकि हर साल आने वाली यह seasonal disaster टाली जा सके।