पनगढ़िया का जवाब: हिमाचल का रखेंगे ध्यान, सीएम सुक्खू से दिल्ली में मुलाकात के बाद भेजा पत्र

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नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से दिल्ली में मुलाकात के बाद पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने हिमाचल प्रदेश की समस्याओं को लेकर सहयोग का भरोसा दिया है।

पनगढ़िया का आश्वासन: हिमाचल को मिलेगा रिपोर्ट में महत्व

16वें वित्त आयोग के चेयरमैन डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र भेजकर आश्वस्त किया है कि हिमाचल प्रदेश की चिंताओं को आयोग की रिपोर्ट में गंभीरता से शामिल किया जाएगा।

दिल्ली में चौथी बार मुलाकात, फिर भेजा पत्र

मुख्यमंत्री सुक्खू ने हाल ही के दिल्ली दौरे में डॉ. पनगढ़िया से चौथी बार मुलाकात की थी। इससे पहले 24 जून 2024 को आयोग ने शिमला में मुख्यमंत्री और उच्चाधिकारियों से बैठक की थी।

माचल ने रखे पांच नए तर्क, मांगा ग्रीन बोनस

राज्य सरकार ने इस बार आयोग के समक्ष पांच नए तर्क प्रस्तुत किए हैं। साथ ही पहली बार “एडिशनल मेमोरेंडम” भी सौंपा गया, जिसमें फॉरेस्ट लैंड और फॉरेस्ट कवर के अंतर को स्पष्ट कर ग्रीन बोनस की मांग की गई है।

पिछली बार हुआ राजस्व घाटा, इस बार नहीं दोहराना चाहते गलती

15वें वित्त आयोग की सिफारिशों में प्रारंभिक वर्षों में अधिक राशि मिली, लेकिन आखिरी वर्षों में राज्य को ट्रेजरी संतुलन बनाए रखने में दिक्कत आई। इस बार राज्य सरकार शुरुआत से सतर्क है।

वर्तमान में सिर्फ 3200 करोड़ का घाटा अनुदान

इस वित्त वर्ष में हिमाचल को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में केवल 3200 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि नई सिफारिशें अप्रैल 2026 से प्रभावी होंगी और अगले पांच साल तक लागू रहेंगी।

अक्टूबर-नवंबर तक बनेगी रिपोर्ट, संसद में रखा जाएगा मसौदा

सभी राज्यों के दौरे पूरे करने के बाद आयोग अब रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है, जो अक्टूबर या नवंबर में राष्ट्रपति को सौंपी जाएगी। इसके बाद संसद के शीतकालीन सत्र में इसे पेश किया जाएगा।

हिमाचल की चिंता पर पनगढ़िया हुए प्रभावित

मुख्यमंत्री सुक्खू ने अंतिम बार दिल्ली में मुलाकात के दौरान फिर से हिमाचल की स्थिति को विस्तार से रखा। डॉ. पनगढ़िया ने भी कहा कि किसी अन्य राज्य के मुख्यमंत्री ने ऐसी गंभीरता नहीं दिखाई।

वित्त आयोग हिमाचल की मांगों से वाकिफ

अब डॉ. पनगढ़िया द्वारा भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि आयोग को हिमाचल की आवश्यकताओं और मांगों की पूरी जानकारी है और रिपोर्ट तैयार करते समय इनका ध्यान रखा जाएगा।

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