Site icon Thehimachal.in

181 में से सिर्फ 52 रूटों पर ही चलीं बसें, आवेदन के बावजूद निजी ऑपरेटर नहीं हुए तैयार

only-52-bus-routes-operational-out-of-181-private-operators-not-ready

हिमाचल में 181 में से केवल 52 बस रूटों पर ही बसें चल सकीं। कई निजी बस ऑपरेटरों ने रूट के लिए आवेदन तो किया लेकिन बाद में संचालन से पीछे हट गए, जिससे परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई।

निजी ऑपरेटरों का घाटे से इंकार, प्रक्रिया फिर से शुरू

परिवहन विभाग द्वारा 181 बस रूटों को निजी ऑपरेटरों को आवंटित किया गया था, लेकिन अब तक केवल 52 रूटों पर ही बसें चलाई जा सकी हैं। कई निजी ऑपरेटर जिन्होंने पहले आवेदन किया था, अब पीछे हट गए हैं।

इनमें से 40 ऑपरेटरों ने तो लिखित में विभाग को सूचित कर दिया है कि वे घाटे वाले रूट्स पर बसें नहीं चलाएंगे। वहीं शेष 89 रूट अभी भी प्रक्रिया में हैं।

अब रूटों में संशोधन कर फिर से मांगे जाएंगे आवेदन

चूंकि कई रूट घाटे वाले माने जा रहे हैं, इसलिए सरकार अब इन रूटों को modify करके दोबारा से applications invite करने की योजना बना रही है। इसके लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा और प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी।

टैम्पो ट्रैवलर के रूट्स के लिए युवाओं में उत्साह

सरकार अब Tempo Traveller Schemes के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को अवसर देने जा रही है। इसके लिए 15 जुलाई तक आवेदन की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। बड़ी संख्या में युवा पहले ही आवेदन कर चुके हैं।

परिवहन विभाग इन रूटों को youth-focused small vehicle scheme के तहत जारी करेगा, ताकि दुर्गम क्षेत्रों में आवागमन सुगम हो सके।

HRTC के घाटे वाले रूट निजी क्षेत्र के लिए बना सिरदर्द

पहले से ही घाटे में चल रही HRTC (हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) के जिन रूटों को निजी ऑपरेटरों को ट्रांसफर किया गया, वे भी अब घाटे की आशंका के चलते ऑपरेटर नहीं ले रहे। इससे कई ग्रामीण और दूरदराज़ के इलाके अब भी public transport सुविधा से वंचित हैं।

विभाग को मिली 52 सक्रिय रूटों की जानकारी

RTO स्तर पर विभाग को अब तक 52 ऐसे रूटों की रिपोर्ट मिल चुकी है जहां निजी बसें चल रही हैं। यह उन यात्रियों के लिए राहत की बात है जो लंबे समय से बस सुविधा की प्रतीक्षा कर रहे थे।

Exit mobile version