हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आई प्राकृतिक आपदा के जख्म देखकर केंद्र सरकार की टीम भावुक हो गई। टीम ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया और जल्द राहत का भरोसा दिलाया।
थुनाग और जंजैहली में केंद्रीय टीम का दौरा
मंडी जिले के थुनाग और जंजैहली क्षेत्र में रविवार को केंद्रीय टीम ने बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। टीम ने बगस्याड़ और शरण गांव में घरों, दुकानों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और अन्य सार्वजनिक ढांचों को हुए नुकसान का निरीक्षण किया।
शैक्षणिक संस्थानों से लेकर सड़कों तक भारी नुकसान
लंबाथाच, पांडवशिला और कुथाह क्षेत्रों में टीम ने शैक्षणिक संस्थानों, सड़कों और अन्य निजी-सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान का जायजा लिया। हर जगह बर्बादी के दृश्य देख टीम के सदस्य भावुक हो उठे।
डीसी मंडी ने पेश किया व्यापक नुकसान का ब्यौरा
डीसी अपूर्व देवगन ने मंडी डीआरडीए सभागार में हुई बैठक में बारिश और बाढ़ से हुई तबाही का पूरा विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जिले में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है।
सराज सबसे अधिक प्रभावित, थुनाग में ही 400 करोड़ का नुकसान
प्रशासन ने जानकारी दी कि मंडी जिले में अब तक 708 करोड़ रुपये का प्रारंभिक नुकसान हुआ है। सराज क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित रहा है, जहां अकेले थुनाग उपमंडल में ही 400 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है।
नुकसान की भरपाई के लिए 1200 करोड़ की आवश्यकता
जिला प्रशासन ने केंद्रीय टीम को बताया कि वास्तविक पुनर्निर्माण और पुनर्स्थापन के लिए राज्य को लगभग 1200 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के उपसचिव केवी पटेल ने प्रभावितों के प्रति संवेदना व्यक्त की।