सचिवालय के बाहर चक्का जाम, वन भूमि से बेदखली पर किसानों-बागबानों का प्रदर्शन, हक को उठाई आवाज वन भूमि से बेदखली के मामले में खिलाफत पर उतरे सेब बागबानों ने मंगलवार को शिमला में हल्ला बोला। किसान सभा और सेब उत्पादक संघ के बैनर तले बागबानों ने टॉलेंड से सचिवालय तक मार्च किया और सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
शिमला में किसानों-बागबानों का बड़ा विरोध प्रदर्शन
वन भूमि से बेदखली के खिलाफ सेब बागबानों ने मंगलवार को शिमला में जोरदार विरोध दर्ज कराया। किसान सभा और सेब उत्पादक संघ के बैनर तले बागबानों ने टॉलेंड से सचिवालय तक मार्च निकाला और सचिवालय के बाहर चक्का जाम कर दिया। इस दौरान आम लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बैरिकेड तोड़े, पुलिस से हल्की झड़प
प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय के नज़दीक पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटा दिया, जिससे हल्की धक्का-मुक्की की स्थिति पैदा हुई। बाद में मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया।
राहत और बेदखली रोकने की मांग
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग थी कि सरकार उन्हें राहत दे और वन भूमि से हो रही बेदखली की कार्रवाई को तत्काल रोका जाए। बड़ी संख्या में किसान शिमला पहुंचे, हालांकि बारिश और रास्तों के बंद होने के कारण मंडी, कुल्लू और चंबा जैसे जिलों से कई किसान नहीं पहुंच सके।
छोटे बागबानों को हो रहा नुकसान
प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ गहरा रोष जताया। उनका कहना था कि सरकारी कार्रवाई से खासकर छोटे बागबानों को भारी नुकसान हो रहा है। सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने कहा कि सैकड़ों किसान भारी बारिश के बावजूद सचिवालय घेराव में शामिल हुए।
मालिकाना हक और जमीन की मांग
प्रदर्शन कर रहे किसान व बागबान सरकार से पांच बीघा जमीन की मांग कर रहे हैं, खासकर भूमिहीन किसानों के लिए। इसके साथ ही वे वर्षों से उपयोग में लाई जा रही जमीनों पर मालिकाना हक देने और हाई कोर्ट के आदेशों के चलते हो रही बेदखली को रोकने की भी मांग कर रहे हैं।
सरकारों की उदासीनता पर सवाल
पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि 1980 के बाद से अब तक आई किसी भी सरकार ने किसानों और बागबानों के लिए ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने डीएफओ द्वारा की गई बेदखली कार्रवाई को गैरकानूनी बताते हुए इसका विरोध किया।
सुप्रीम कोर्ट से आंशिक राहत
पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र सिंह पंवर और अन्य लोगों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर कोर्ट ने सोमवार को सेब के फलों से लदे पौधों को काटने पर रोक लगा दी है। हालांकि, किसानों की मुख्य मांग बेदखली पर पूर्ण रोक लगाने की बनी हुई है।