26 साल कारगिल विजय के: याद करें वो वीर जो घर लौटकर कभी नहीं आए, वीरभूमि के 52 जवानों ने दी थी बलिदान

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कारगिल विजय को 26 साल हो गए, लेकिन वीरभूमि हिमाचल के उन 52 सपूतों को भुलाया नहीं जा सकता जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। आइए इस विजय दिवस पर उन्हें नमन करें जो घर लौटकर कभी नहीं आए।

26 जुलाई: कारगिल विजय दिवस पर वीरभूमि हिमाचल के 52 शहीदों को श्रद्धांजलि

कारगिल युद्ध, जो 25 मई 1999 को शुरू हुआ था और दो महीने से अधिक चला, उसमें हिमाचल प्रदेश के 52 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इस युद्ध में भारतीय सेना ने अद्वितीय साहस और बलिदान से दुश्मन को मात देकर “ऑपरेशन विजय” को ऐतिहासिक सफलता दिलाई।

 527 कुल शहीद, 52 हिमाचल से, दो को मिला परमवीर चक्र

देशभर में इस युद्ध में कुल 527 जवान शहीद हुए, जिनमें से 52 हिमाचल प्रदेश के थे। भारत सरकार ने कारगिल विजय के उपलक्ष्य में चार परमवीर चक्र घोषित किए, जिनमें कैप्टन विक्रम बत्रा (मरणोपरांत) और सुबेदार संजय कुमार (जीवित) – दोनों हिमाचल से थे।

जिला वार शहादत – सबसे अधिक कांगड़ा से

हिमाचल के इन 52 वीरों में:

  • कांगड़ा से 15 जवान
  • मंडी से 11
  • हमीरपुर व बिलासपुर से 7-7
  • शिमला से 4
  • ऊना से 2
  • सोलन और सिरमौर से 2-2
  • चंबा और कुल्लू से 1-1 शहीद

इन वीरों की याद में राज्य के पहले युद्ध स्मारक धर्मशाला सहित पूरे प्रदेश में इस बार कारगिल विजय के 26 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

⚔️ 30 हजार सैनिकों ने दिखाया पराक्रम

कारगिल युद्ध में भारत ने 30,000 सैनिकों को तैनात किया था। 26 मई 1999 को वायुसेना ने ऑपरेशन सफेद सागर चलाया, जबकि नौसेना ने अरब सागर में पाकिस्तानी आपूर्ति को रोकने के लिए अपने जहाज तैनात किए। यह युद्ध दो महीने से ज्यादा चला और अंत में भारत ने विजय हासिल की।

1300 से अधिक घायल, शौर्य की अनमोल गाथा

इस युद्ध में 1300 से अधिक सैनिक घायल हुए। सेवानिवृत्त कर्नल जयगणेश ने कहा, “वो क्षण आज भी आंखों में हैं, जब हमारे जवानों ने टाइगर हिल पर तिरंगा फहराया था।” धर्मशाला युद्ध स्मारक के चेयरमैन कर्नल केएस डढ़वाल ने बताया कि विजय दिवस पर प्रदेशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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