शिमला, 21 जुलाई 2025: हिमाचल प्रदेश सरकार ने पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से राजस्व विभाग में कई महत्वपूर्ण बदलाव और डिजिटल पहल शुरू की हैं। इन सुधारों से प्रदेश के आम नागरिकों को अब सरकारी कार्यालयों और पटवारखानों के बार-बार चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी। ये कदम मुख्यमंत्री के सुशासन और डिजिटल सशक्तिकरण के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
1. ‘माय डीड’ पेपरलैस रजिस्ट्री प्रणाली की शुरुआत
राजस्व विभाग ने एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए ‘माय डीड’ (My Deed) नामक एक नई पेपरलैस रजिस्ट्री प्रणाली शुरू की है। यह सुविधा संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल देगी।
- कहीं से भी आवेदन: अब लोग किसी भी समय और कहीं से भी रजिस्ट्री के लिए तहसीलदार को ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- एक बार कार्यालय आगमन: इस प्रणाली से आवेदक को रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी करने के लिए केवल एक बार कार्यालय आने की आवश्यकता होगी।
- निर्धारित समय: आवेदक को कार्यालय आने के लिए पहले से ही एक निर्धारित समय (टाइम स्लॉट) दिया जाएगा, जिससे उन्हें इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
- तेजी से कार्य: लक्ष्य यह है कि आवेदक का पूरा कार्य एक ही बार में, तय समय सीमा में पूरा कर दिया जाए।
यह प्रणाली पंजीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और तेज करेगी, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होगी।
2. जमाबंदी फॉर्मेट का सरलीकरण
राजस्व विभाग ने एक और महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए जमाबंदी (भूमि रिकॉर्ड) के फॉर्मेट को सरल बनाया है।
- हिंदी में फॉर्मेट: अब जमाबंदी का फॉर्मेट पूरी तरह से हिंदी में उपलब्ध होगा।
- उर्दू और फारसी शब्दों का निष्कासन: पारंपरिक रूप से जमाबंदी में उपयोग होने वाले जटिल उर्दू और फारसी शब्दों को हटा दिया गया है।
- आसान समझ: इस बदलाव से आम जनता को अपने भूमि रिकॉर्ड को समझना अब बहुत आसान हो जाएगा, जिससे वे अपनी संपत्ति के बारे में बेहतर जानकारी रख पाएंगे।
3. डिजिटल जमाबंदी और पटवारखानों के चक्कर से मुक्ति
राजस्व विभाग डिजिटल माध्यम से हस्ताक्षरित किए गए जमाबंदी मॉडयूल पर भी तेजी से काम कर रहा है।
- बार-बार जाने से छुटकारा: इस मॉड्यूल के लागू होने से लोगों को जमाबंदी के लिए पटवारखाने में बार-बार जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
- ऑनलाइन पहुंच: डिजिटल हस्ताक्षर वाली जमाबंदी को ऑनलाइन माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकेगा, जिससे समय और श्रम की बचत होगी।
4. ऑनलाइन इंतकाल (Mutation) मॉड्यूल की योजना
भविष्य की योजनाओं में ऑनलाइन इंतकाल मॉड्यूल तैयार करना भी शामिल है। इंतकाल भूमि स्वामित्व में बदलाव का रिकॉर्ड होता है।
- तेज रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया: यह मॉड्यूल इंतकाल की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को तेज करेगा।
- सीधा जुड़ाव: इसे सीधे जमाबंदी से जोड़ा जा सकेगा, जिससे डेटा में एकरूपता और सटीकता सुनिश्चित होगी।
आम जनता को लाभ:
राजस्व विभाग की ये सभी डिजिटल पहल सीधे तौर पर जनता को लाभ पहुंचाएंगी:
- सुविधा और पारदर्शिता: प्रक्रियाओं में अधिक सुविधा और पारदर्शिता आएगी।
- समय की बचत: सरकारी कार्यालयों में लगने वाले समय में भारी कमी आएगी।
- बार-बार चक्कर लगाने से छुटकारा: नागरिकों को छोटे-छोटे कामों के लिए भी कई बार कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा।
- सरल पहुंच: जानकारी और सेवाओं तक पहुंच आसान होगी।
- समस्याओं का त्वरित निवारण: ये कदम जनता की समस्याओं के त्वरित निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और जरूरतमंदों को समय पर राहत प्रदान करेंगे।
सरकार का यह मानना है कि ये डिजिटल सुधार न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएंगे, बल्कि हिमाचल प्रदेश में सुशासन की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होंगे।