ये परियोजनाएं अब पुन: विज्ञापित की जाएंगी। इसके साथ ही भविष्य में जो भी पांच मेगावाट तक की परियोजनाएं दी जाएंगी, उन पर 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रॉयल्टी और एक प्रतिशत स्थानीय क्षेत्र विकास कोष के लिए देना अनिवार्य होगा।
हिमाचल कैबिनेट का बड़ा फैसला: 194 रुकी हुई बिजली परियोजनाएं रद्द, अब नए सिरे से होंगे टेंडर
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई हिमाचल कैबिनेट की लगातार तीसरे दिन की बैठक में ऊर्जा क्षेत्र को लेकर कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन फैसलों का उद्देश्य राज्य में ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाना और पारदर्शिता बढ़ाना है।
172 लघु जलविद्युत परियोजनाएं रद्द और पुनर्विज्ञापित होंगी
मंत्रिमंडल ने हिम ऊर्जा के तहत पांच मेगावाट से कम क्षमता वाली 172 लघु जलविद्युत परियोजनाओं को रद्द करने की मंजूरी दी। ये परियोजनाएं लंबे समय से रुकी हुई थीं और उन पर कोई काम नहीं हो रहा था। अब इन परियोजनाओं को नए सिरे से विज्ञापित किया जाएगा, जिससे इन्हें फिर से शुरू करने का रास्ता साफ होगा।
भविष्य की परियोजनाओं के लिए नई शर्तें
भविष्य में जो भी पांच मेगावाट तक की जलविद्युत परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी, उन पर कुछ नई शर्तें लागू होंगी। इन परियोजनाओं के डेवलपर्स को 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रॉयल्टी और एक प्रतिशत स्थानीय क्षेत्र विकास कोष के लिए देना अनिवार्य होगा। यह कदम राज्य के राजस्व को बढ़ाने और स्थानीय समुदायों को लाभ पहुंचाने में मदद करेगा।
22 बड़ी जलविद्युत परियोजनाएं भी रद्द
कैबिनेट ने पांच मेगावाट से अधिक क्षमता वाली 22 जलविद्युत परियोजनाओं को भी रद्द करने की मंजूरी दी। ये वे परियोजनाएं थीं जिनके साथ अब तक कोई भी समझौता नहीं हुआ था और जिन्हें पहले ऊर्जा विभाग ने आवंटित किया था। इन परियोजनाओं के रद्द होने से नए और इच्छुक डेवलपर्स को अवसर मिलेंगे।
बची हुई परियोजनाओं को जवाब देने का अंतिम मौका
जो परियोजनाएं अभी तक रद्द नहीं हुई हैं, उन्हें अपने नोटिस का जवाब देने के लिए 5 अगस्त, 2025 तक का समय दिया गया है। यह उन डेवलपर्स के लिए अंतिम मौका है जो अपनी परियोजनाओं को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
अदालत से बाहर समझौते के लिए समिति गठित
बैठक में 14 परियोजना डेवलपर्स के साथ बिना ब्याज अग्रिम प्रीमियम की मूल राशि पर अदालत से बाहर समझौता करने के लिए एक समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया। यह कदम कानूनी प्रक्रियाओं से बचते हुए मामलों को सुलझाने में मदद करेगा।
नई ऊर्जा नीति के तहत होंगे टेंडर
यह भी बताया गया कि आवंटन होने के बाद भी जिन बिजली प्रोजेक्टों पर काम नहीं हो पाया, उनके लिए अब नए सिरे से टेंडर किए जाएंगे। ये टेंडर राज्य सरकार की नई ऊर्जा नीति के हिसाब से होंगे, जिसमें प्रोजेक्ट देने की लीज अवधि से लेकर रॉयल्टी में भी परिवर्तन किया गया है। यह नई नीति ऊर्जा क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।