हिमाचल सरकार ने जुलाई वेतन-पेंशन भुगतान से ठीक पहले 1000 करोड़ का लोन नोटिफाई किया है। 29 जुलाई को आरबीआई नीलामी करेगा और 30 जुलाई तक यह धनराशि सरकार के खाते में पहुंच जाएगी। साल 2025 की तय लोन लिमिट में से अब तक 5200 करोड़ का कर्ज लिया जा चुका है।
मंडी त्रासदी राहत कार्यों पर अब तक 2.14 करोड़ की मदद
मंडी जिले में आई प्राकृतिक त्रासदी से निपटने के लिए अब तक लगभग 2.14 करोड़ रुपए की राहत राशि प्रभावितों को विभिन्न मदों में वितरित की जा चुकी है। यह जानकारी प्रदेश सरकार के राजस्व, बागबानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने दी। वे शुक्रवार को सराज क्षेत्र के थुनाग में आयोजित एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें आपदा के बाद राहत और पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति पर चर्चा की गई।
मनरेगा के तहत चल रहे हैं 9 करोड़ के कार्य
मंत्री ने बताया कि मनरेगा (MNREGA) योजना के अंतर्गत प्रभावित क्षेत्रों में करीब 9 करोड़ रुपए के कार्य भी जारी हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों के अनुरूप आपदा प्रभावित इलाकों में पुनर्निर्माण कार्यों में तेज़ी लाई गई है और अधिकारी पूरी निष्ठा से राहत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।
थुनाग क्षेत्र को मिली विशेष राहत
जिला में आपदा के बाद त्वरित सहायता के तौर पर 58.71 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई, जिसमें से थुनाग क्षेत्र को 45 लाख रुपए से अधिक की मदद मिली है। इसके अलावा पक्के व कच्चे मकानों और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अब तक 1.55 करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें थुनाग क्षेत्र को लगभग 1.35 करोड़ रुपए मिले हैं।
राशन किट, कंबल और तिरपाल का किया गया वितरण
थुनाग उपमंडल के प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 4082 राशन किट, 865 कंबल और 5172 तिरपाल वितरित किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त अन्य आवश्यक राहत सामग्री भी उपलब्ध करवाई गई है, जिससे प्रभावितों को तुरंत सहायता मिल सके।
दूरदराज गांवों के लिए झूले और रास्ते बहाल
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि दूरस्थ गांवों में आवाजाही की सुविधा बहाल करने के लिए झूले (रज्जू मार्ग) भी लगाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य ऐसे गांवों को आपात स्थिति में भी मुख्य मार्गों से जोड़े रखना है।