हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी और ई-वाहनों के टायर बदलने की नई गाइडलाइन जारी की है। अब टायर 18,000 नहीं बल्कि 32,000 किलोमीटर तक चलेंगे। जानें नए नियम, वज़न के अनुसार माइलेज और पूरी जानकारी।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 25 वर्षों बाद एक बड़ा बदलाव किया है। अब सरकारी, अर्द्धसरकारी और स्वायत्त संस्थानों की vehicles में इस्तेमाल होने वाले tyres को पुराने मानदंडों के अनुसार 18,000 किलोमीटर के बजाय 32,000 kilometers के बाद बदला जाएगा। इस फैसले के पीछे राज्य सरकार के वित्त विभाग का यह तर्क है कि अब road conditions पहले से बेहतर हो चुकी हैं, जिससे टायरों की lifespan बढ़ गई है।
Electric Vehicles (EVs) के लिए अलग नियम बनाए गए हैं। ई-गाड़ियों के टायर अब 20,500 km तक चलेंगे। प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार ने इस संबंध में एक आधिकारिक notification सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, राज्यपाल सचिवालय, विधानसभा सचिवालय, हिमाचल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल समेत अन्य विभागों को भेजी है।
पुराने नियम और नया बदलाव
1990 में तय पुराने मानदंडों के अनुसार:
- सामान्य क्षेत्रों में गाड़ियों के टायर 18,000 किलोमीटर में बदलने होते थे।
- जनजातीय क्षेत्रों में यह सीमा 15,000 किलोमीटर थी।
- रिपेयर या रबर चढ़ाने के बाद टायरों की replacement limit क्रमशः 25,000 किमी (सामान्य क्षेत्र) और 20,000 किमी (जनजातीय क्षेत्र) थी।
Updated Tyre Mileage Standards (Weight-Wise Breakdown)
Conventional Vehicles:
- 1,500 किग्रा तक – 24,000 km
- 1,500 से 1,800 किग्रा – 26,000 km
- 1,800 से 2,500 किग्रा – 28,000 km
- 2,500 किग्रा से ऊपर – 32,000 km
Electric Vehicles (EVs):
- 1,800 किग्रा तक – 20,500 km
- 1,800 से 2,500 किग्रा – 24,000 km
- 2,500 किग्रा से अधिक – 27,500 km
Implementation & Circular Distribution
इस नई नीति की प्रति सभी Corporation MDs, CEOs, राज्य लोक सेवा आयोग, लोकायुक्त, विद्युत नियामक आयोग, सभी विश्वविद्यालयों के registrars, उपायुक्तों और जिला कोषाधिकारियों को भेज दी गई है।
Conclusion:
हिमाचल प्रदेश में अब सरकारी गाड़ियों के टायर ज्यादा durable माने जाएंगे। इस नई नीति से सरकार को cost-efficiency और maintenance optimization में मदद मिलेगी।