हिमाचल में एक चमत्कारिक घटना में गाय के कमरे की खिड़की में फंसने से आठ साल के बच्चे की जान बच गई। मलबा गिरने से पहले गाय की फंसी हुई हालत ने परिवार को सतर्क कर दिया।
‘जाको राखे साईंया…’ मंडी बाढ़ में हुआ चमत्कार
30 जून की रात मंडी जिले की सराज घाटी में आई बाढ़ ने कहर बरपाया। कई लोगों की जानें चली गईं, लेकिन संगलवाड़ा गांव में एक 8 वर्षीय बालक की जान एक चमत्कार से बच गई — और वो चमत्कार बनी एक गाय, जो खिड़की में फंस गई थी।
बाढ़ में बह गया सब कुछ, बच्चा घंटों तक था लापता
जब बाढ़ आई, उस वक्त संजीव कुमार की बेटी पल्लवी अपने पति सन्नी संग मायके आई हुई थी। रात को सब कुछ उजड़ गया। परिजनों को समझ नहीं आया कि बच्चा कहां है। घंटों खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चला।
गाय खिड़की में फंसी, तभी दिखा बच्चे का चेहरा
इसी बीच एक गाय बाढ़ के साथ बहकर कमरे की खिड़की में फंस गई। ग्रामीणों ने जब उसे बचाने के लिए कमरे में रोशनी डाली, तो मलबे के बीच एक चेहरा नजर आया—वो था 8 साल का मासूम बालक।
कंबल ओढ़े बेड पर बैठा था बच्चा, डर से हो गया बेहोश
बच्चा डर के कारण अपने कमरे में बेड पर बैठ गया और कंबल ओढ़ लिया। जैसे ही मलबा और पानी कमरे में भरने लगा, वह डर के मारे अपनी जगह से हिला नहीं और बेहोश हो गया। मलबे में दबा बच्चा घंटों तक यूं ही पड़ा रहा।
मां बोली: बेटा बेहोश था, घर पूरी तरह बर्बाद
मां ब्रहपति ने बताया कि जब बेटा मिला तो वह बेहोशी की हालत में था। उनका मकान पूरी तरह नष्ट हो चुका है। घर के अंदर तक मलबा और पेड़ घुस आए थे। परिवार इस त्रासदी के बाद खुद को संभालने की कोशिश कर रहा है।
सराज की बाढ़ ने कई परिवारों को दिए गहरे जख्म
इस विनाशकारी बाढ़ में कई लोगों की जान गई और कई अभी भी लापता हैं। प्रशासन और सामाजिक संगठन मदद कर रहे हैं, लेकिन पुनर्निर्माण और पुनर्स्थापन की राह लंबी और कठिन है।