30 हजार हर्जाने की सजा सुनाई है। साथ ही उपभोक्ता फोरम की ओर से शिकायतकर्ता उपभोक्ता की ई-स्कूटी 30 दिनों के भीतर मरम्मत करने का निर्देश दिए गए हंै। जबकि यह भी आदेश जारी किए है कि यदि कंपनी ऐसा करने में विफल रहती है, तो उसे 79 हज़ार 846 की पूरी राशि नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ उपभोक्ता को लौटानी होगी।
ई-स्कूटी खराब, कंपनी ने नहीं की मरम्मत – उपभोक्ता फोरम ने सुनाया ₹30,000 का जुर्माना
हिमाचल प्रदेश उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता कंपनी को सेवा में लापरवाही बरतने पर सख्त फटकार लगाई है। शिकायतकर्ता को परेशान करने और बार-बार शिकायतों के बावजूद स्कूटी की मरम्मत न करने पर आयोग ने ₹30,000 हर्जाना और 79,846 रुपये की वापसी का आदेश जारी किया है।
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता ने 9 अप्रैल 2022 को एक नामी ऑटो मार्ट से इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदी थी।
लेकिन कुछ ही महीनों के भीतर जनवरी 2023 में स्कूटी में गंभीर तकनीकी खराबियां आने लगीं। ग्राहक ने बार-बार डीलरशिप का रुख किया, पर कोई ठोस समाधान नहीं मिला।
आयोग का फैसला
उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद और नारायण ठाकुर की बेंच ने स्पष्ट रूप से कहा:
कंपनी को 30 दिनों के भीतर स्कूटी की मरम्मत करनी होगी।
यदि कंपनी ऐसा करने में असमर्थ रहती है, तो उसे ₹79,846 की पूरी राशि उपभोक्ता को 9% वार्षिक ब्याज के साथ लौटानी होगी।
मानसिक प्रताड़ना के लिए ₹20,000 और मुकद्दमे की लागत के तौर पर ₹10,000 भी उपभोक्ता को अदा करने होंगे।
आयोग की सख्त चेतावनी
फोरम ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनियों को चेताया है कि वे ग्राहकों को खराब प्रोडक्ट या सेवा न दें। “उपभोक्ता को ठगना अब नहीं चलेगा” – यही संदेश इस फैसले से जाता है।
क्या आप भी हैं ऐसे शोषण के शिकार?
अगर आपने भी किसी प्रोडक्ट या सेवा में लापरवाही झेली है, तो आप अपने जिले के उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अब शिकायत करना ऑनलाइन भी संभव है – edaakhil.nic.in पोर्टल पर।