हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला और मैक्लोडगंज क्षेत्र में भविष्य में विनाशकारी भूकंप की संभावना जताई गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह भूकंप 8.0 तीव्रता तक का हो सकता है, जिससे भारी तबाही हो सकती है।
भूकंप के बढ़ते खतरे से धर्मशाला-मैक्लोडगंज में सुरक्षा पर चिंता
धर्मशाला और मैक्लोडगंज, जो निर्वासित तिब्बती सरकार और दलाई लामा का निवास स्थान हैं, में भूकंप के बढ़ते खतरे ने सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्षेत्र उच्च भूकंपीय जोन में आता है और भविष्य में 7 से 9 तीव्रता तक के भूकंप की आशंका है, जिससे भारी जान-माल का नुकसान संभव है।
तिब्बती इतिहास और धरोहर की सुरक्षा पर जोर
भविष्य में संभावित तबाही को देखते हुए, तिब्बती सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व की संरचनाओं के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है। विशेष रूप से तिब्बती इतिहास के संरक्षण को लेकर दीर्घकालिक रणनीति बनाने की सिफारिश की गई है।
दो दिवसीय सम्मेलन में वास्तुशिल्प विरासत और भूकंप से सुरक्षा पर चर्चा
न्यूयॉर्क स्थित आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग फर्म स्टूडियो न्यांदक ने तिब्बती वर्क्स एंड आर्काइव्स लाइब्रेरी के सहयोग से मैक्लोडगंज में एक दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया। इसका उद्देश्य स्थानीय वास्तुशिल्प विरासत के संरक्षण और धर्मशाला की भूकंप प्रतिरोधक क्षमता को लेकर रणनीति बनाना था।
भूकंपीय जोखिम और सांस्कृतिक संरक्षण पर गहन मंथन
सम्मेलन में विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और इंजीनियरों ने धर्मशाला क्षेत्र में बढ़ते भूकंपीय जोखिमों की समीक्षा की। साथ ही तिब्बती संस्कृति, परंपराओं और ऐतिहासिक धरोहर की रक्षा के लिए मजबूत संरचनात्मक उपायों की आवश्यकता पर चर्चा की गई।
संवेदनशील पहाड़ी शहरों के लिए विशेष रणनीति की जरूरत
तिब्बती वर्क्स एंड आर्काइव्स लाइब्रेरी के निदेशक गेशे लखदोर ने उद्घाटन भाषण में पहाड़ी क्षेत्रों की भूकंपीय संवेदनशीलता को रेखांकित किया और क्षेत्रीय योजना एवं डिज़ाइन में सतर्कता बरतने पर बल दिया।
भविष्य में 7.5 तीव्रता से अधिक भूकंप की आशंका
स्टूडियो न्यांदक की संरचनात्मक इंजीनियर देचेन त्सोग्याल ने भूकंपीय जोखिम मूल्यांकन से जुड़ी रिपोर्ट प्रस्तुत की। उनके अनुसार, आगामी 50–200 वर्षों में 7.5 या इससे अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है। वहीं, IIT रुड़की के अध्ययन ने भी 2109 से पहले 8.0 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप की आशंका जताई है।
धर्मशाला में सक्रिय है स्टूडियो न्यांदक का उपकार्यालय
स्टूडियो न्यांदक, जो न्यूयॉर्क में स्थित एक व्यावसायिक फर्म है, उसका एक उपकार्यालय धर्मशाला में नेचुंग मठ के पास संचालित होता है। यह कार्यालय निर्वासित तिब्बती प्रशासन, टीसीवी स्कूल, मठों और धर्मार्थ संगठनों के लिए नि:शुल्क सेवाएं प्रदान करता है।