बिजली महादेव रोप-वे के विरोध में उमड़ा जनसैलाब, भक्तों ने कहा – भोलेनाथ को मंजूर नहीं

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रोप-वे लगने से यहां की देव परंपराएं भी खंडित होगी। बिजली महादेव ने अपने गुर की देव वाणी में भी स्पष्ट कहा है कि उन्हें रोप-वे बिल्कुल भी मंजूर नहीं है। अगर कोई इसे जबरदस्ती लगाएगा तो इसका खामियाजा फिर सभी लोगों को भुगतना होगा। फिर उसका जिम्मेदार कौन है।

कुल्लू के रामशिला से ढालपुर तक बिजली महादेव रोप-वे के विरोध में विशाल रैली निकाली गई। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने देववाणी का हवाला देते हुए रोप-वे रद्द करने की मांग की। महिलाओं और छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा – “भोलेनाथ नहीं चाहते, तो रोप-वे नहीं बनने देंगे।”

रामशिला से ढालपुर तक विरोध रैली, सैकड़ों श्रद्धालु हुए शामिल

कुल्लू की खराहल घाटी स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बिजली महादेव में प्रस्तावित रोप-वे परियोजना के विरोध में शुक्रवार को एक विशाल रैली निकाली गई। यह रैली रामशिला से शुरू होकर ढालपुर स्थित डीसी कार्यालय तक पहुंची, जिसमें सैकड़ों स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने रोप-वे के विरोध में जोरदार नारेबाजी की और सरकार से मांग की कि यह परियोजना तुरंत रद्द की जाए क्योंकि यह क्षेत्र एक पवित्र देवस्थल है।

देवस्थल को पर्यटन केंद्र में बदलने का विरोध

प्रदर्शन के दौरान बिजली महादेव रोप-वे विरोध समिति के अध्यक्ष सुरेश नेगी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिजली महादेव केवल एक तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि देव परंपराओं का केंद्र है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रोप-वे जैसे प्रोजेक्ट से ना केवल देव संस्कृति को ठेस पहुंचेगी, बल्कि यहां पर होने वाले पारंपरिक देव कार्य भी बाधित होंगे।

देववाणी में रोप-वे को अस्वीकार किया गया

सभा में यह भी बताया गया कि बिजली महादेव की देववाणी में खुद इस रोप-वे परियोजना को अस्वीकार कर दिया गया है। देवगुरु ने कहा है कि यदि यह प्रोजेक्ट जबरन लागू किया गया, तो उसके दुष्परिणाम पूरे समाज को भुगतने होंगे। उन्होंने चेताया कि देव इच्छा की अवहेलना करना गंभीर परिणामों को जन्म दे सकता है।

छड़ीबरदार और अन्य गणमान्य लोगों ने जताया विरोध

रैली में भगवान रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह, समिति के सचिव, और पूर्व एचपीएमसी उपाध्यक्ष राम सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और जनसभा को संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने रोप-वे के खिलाफ एकजुटता दिखाई और कहा कि यह विषय केवल स्थानीय नहीं, बल्कि आस्था से जुड़ा मामला है, जिसे केंद्र सरकार तक गंभीरता से उठाया जाएगा।

महिलाओं की सशक्त भागीदारी, बोले – भोलेनाथ ही सर्वोपरि

इस विरोध में महिलाओं की उपस्थिति सबसे अधिक रही, जिन्होंने अपने मजबूत स्वर में कहा कि वह भोलेनाथ की देववाणी का सम्मान करती हैं। प्रदर्शन के दौरान भावुक हुए महेश्वर सिंह ने कहा कि अगर भोलेनाथ नहीं चाहते, तो रोप-वे कभी नहीं लगने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर कोई भी राजनीतिक पार्टी मायने नहीं रखती, केवल महादेव की इच्छा सर्वोपरि है।

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