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भट्टाकुफर में भवन गिरने से हंगामा, गुस्साए लोगों ने NHAI इंजीनियरों से की मारपीट

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शिमला के भट्टाकुफर में भवन गिरने और घरों को खतरा होने पर लोगों ने NHAI के इंजीनियरों से मारपीट की। स्थानीय लोगों ने प्राधिकरण पर लापरवाही का आरोप लगाया है। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है।

भट्टाकुफर में पांच मंजिला भवन गिरा, मौके पर पहुंचे NHAI इंजीनियरों से मारपीट

भट्टाकुफर में सोमवार को भारी अफरातफरी का माहौल तब बन गया जब एक पांच मंजिला भवन ढह गया और आसपास के कई घरों पर भी गिरने का खतरा मंडराने लगा। घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के इंजीनियरों को स्थानीय लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। गुस्साए लोगों ने इंजीनियरों के साथ मारपीट की, जिसमें एक का सिर फूट गया जबकि दूसरा भी घायल हुआ।

इंजीनियर पर घड़ा फेंका, सिर से बहने लगा खून

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही NHAI के इंजीनियर अचल जिंदल और उनके सहयोगी घटनास्थल पर पहुंचे, गुस्साई भीड़ ने उन्हें घेर लिया और थप्पड़-मुक्कों से हमला बोल दिया। इस दौरान किसी व्यक्ति ने इंजीनियर के सिर पर घड़ा दे मारा जिससे वह बुरी तरह लहूलुहान हो गए। घायल इंजीनियर अचल जिंदल को गंभीर हालत में आईजीएमसी लाया गया, जहां उनका सीटी स्कैन किया गया। पुलिस ने इस संबंध में शिकायत दर्ज की है।

एसडीएम और SHO की मौजूदगी में हुआ हमला, फिर भी पुलिस मूकदर्शक

इस हमले के वक्त स्थानीय एसडीएम, एसएचओ और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी मौके पर मौजूद थे, लेकिन स्थिति पर तत्काल नियंत्रण नहीं पाया गया। हमला उस कमरे में हुआ जहां इंजीनियरों को बिठाया गया था। इसके बाद पुलिस ने उस कमरे को ताला लगाकर सील कर दिया।

मीडिया कर्मियों की दखल से बची जान, फोरलेन कंपनी के मजदूर भागे

घायल इंजीनियरों की जान बचाने में मीडिया प्रतिनिधियों की सक्रियता महत्वपूर्ण रही। उनकी मदद से दोनों इंजीनियर किसी तरह भीड़ से निकलकर टैक्सी के माध्यम से अस्पताल पहुंचे। इस पूरे घटनाक्रम के बाद फोरलेन निर्माण में लगी गावर कंपनी के मजदूर भी डर के मारे मौके से भाग गए।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बताया कानून व्यवस्था की विफलता

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस घटना को प्रदेश में कानून व्यवस्था की गिरावट करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक मंत्री की उपस्थिति में NHAI अधिकारियों पर हमला हुआ, और घायल अधिकारियों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि मंत्री पर कार्रवाई करते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए।

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