पठानकोट मंडी फोरलेन मार्ग पर 32 मील और भाली के बीच भूस्खलन के कारण मुख्य सडक़ मार्ग बंद है, जहां जेसीबी मशीनें मलबा हटाने का काम कर रही हैं। पुराना कांगड़ा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग, जो भूस्खलन के कारण बाधित हो गया था, उसे अब आंशिक रूप से एकतरफा यातायात के लिए खोल दिया गया है।
कांगड़ा में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित
कांगड़ा घाटी में मानसून की भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार हो रहे भूस्खलनों के कारण क्षेत्र में आवागमन बाधित हो गया है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पठानकोट-मंडी फोरलेन का 32 मील-भाली खंड बंद
पठानकोट-मंडी फोरलेन मार्ग पर 32 मील से भाली के बीच भूस्खलन के चलते मुख्य सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनें तैनात हैं, लेकिन काम में देरी हो रही है क्योंकि बारिश के चलते जितना मलबा हटाया जा रहा है, उतना ही नया मलबा गिर रहा है।
पुराना कांगड़ा मार्ग आंशिक रूप से खोला गया
पुराना कांगड़ा हाईवे, जो पहले भूस्खलन की वजह से पूरी तरह बंद था, अब आंशिक रूप से एकतरफा यातायात के लिए खोला गया है। हालांकि, लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण यह मार्ग अभी भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है और एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
प्रशासन की अपील: सावधानी बरतें, अनावश्यक यात्रा न करें
जिला प्रशासन और पुलिस ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे यात्रा करने से पहले सड़क की स्थिति की जानकारी जरूर लें। कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और पहाड़ी या भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में खासकर रात के समय यात्रा न करें।
भूस्खलन से मलबा हटाना बना चुनौती
भाली क्षेत्र में मंगलवार सुबह 8 बजे भारी भूस्खलन के बाद फोरलेन अवरुद्ध हो गया। फोरलेन निर्माण कंपनी की पोकलेन और जेसीबी मशीनें लगातार मलबा हटा रही हैं, लेकिन बारिश के कारण कीचड़नुमा मलबा बार-बार गिर रहा है। इससे काम में रुकावट आ रही है और वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं।
लोग और स्कूली बच्चे फंसे, बसों की अदला-बदली से बनी व्यवस्था
भूस्खलन के कारण लंबी दूरी की बसें जाम में फंस गईं, जिससे स्कूल, कॉलेज, आईटीआई के छात्र और रोजमर्रा के यात्री अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सके। बाद में निजी बस चालकों द्वारा सवारियों की अदला-बदली कर व्यवस्था संभाली गई। करीब 10 बजे के बाद यातायात धीरे-धीरे बहाल हो पाया।
हिमाचल प्रदेश के 32 मील क्षेत्र में भूस्खलन के चलते नेशनल हाईवे बंद कर दिया गया है। यातायात को पुराने कांगड़ा रोड की ओर डायवर्ट किया गया है, जो फिलहाल आंशिक रूप से खुला है।