दौलतपुर-रानीताल फोरलेन पर NHAI ने अधूरे निर्माण के बावजूद टोल बैरियर लगाकर टोल वसूली शुरू कर दी है। स्थानीय लोग कर रहे विरोध, नियमों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां।
अधूरे फोरलेन पर टोल टैक्स की लूट: NHAI की मनमानी से लोग नाराज़
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे हैं। हिमाचल प्रदेश में अभी तक कोई भी फोरलेन पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ, फिर भी टोल टैक्स वसूली शुरू कर दी गई है। ताज़ा मामला मटौर-शिमला फोरलेन का है, जहां सिर्फ दौलतपुर से रानीताल तक 11 किलोमीटर सड़क ही तैयार हुई है, पर तकीपुर के पास घट्टा में टोल बैरियर खड़ा कर दिया गया है।
11 किलोमीटर सड़क और टोल वसूली! नियमों की धज्जियां
लोगों का कहना है कि सिर्फ 11 किलोमीटर की दूरी तय करने वालों से भी टोल टैक्स वसूला जा रहा है, जो NHAI के अपने ही नियमों के खिलाफ है। नियमानुसार, टोल प्लाजा दो स्थानों के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी पर होना चाहिए और 20 किलोमीटर के अंदर टोल नहीं वसूला जा सकता। लेकिन इस नियम की अनदेखी कर टोल बैरियर चालू कर दिया गया।
अधूरी परियोजना, अधूरा पुल – फिर भी चालू टोल
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक रिउंद पुल जैसे महत्वपूर्ण हिस्सों का कार्य पूरा नहीं होता, तब तक टोल वसूली सरासर अन्याय है। धमेड़ पंचायत के प्रधान राज कपूर, तकीपुर पंचायत प्रधान सुरेश कुमार और पहल संस्था के विजय सिंह समेत सैकड़ों लोगों ने इसका विरोध किया है। लोगों ने इसे जल्दबाजी और जबरन वसूली करार दिया है।
टोल प्लाजा पर जीरो सुविधाएं, सवाल उठे NHAI पर
लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि टोल प्लाजा पर कोई भी बुनियादी सुविधा नहीं है –
- न शौचालय
- न पीने का पानी
- न छायादार प्रतीक्षा स्थल
- न एंबुलेंस
- न क्रेन या रिकवरी वाहन
- न ड्राइवरों के लिए पार्किंग या विश्राम सुविधा
- जब सुविधाएं नहीं हैं, तो फिर टैक्स किस बात का?
कछियारी से रानीताल 15 मिनट की दूरी, पर भारी टैक्स
यह टोल प्लाजा 12 जून से चालू किया गया है। 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए ₹350 मासिक शुल्क तय किया गया है, जबकि अन्य वाहन चालकों को ₹25 से ₹35 तक की दर से भुगतान करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि इस 15 मिनट की दूरी के लिए टोल वसूलना अनुचित है।
पुल और टनल चालू होते ही दोगुना हो जाएगा टोल टैक्स
NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विक्रम सिंह मीणा का कहना है कि अभी 14 किलोमीटर सड़क बनी है, इसलिए उसी अनुसार टोल लिया जा रहा है। रिउंद पुल और टनल के चालू होते ही टोल दरें दोगुनी कर दी जाएंगी। इससे लोगों में और अधिक रोष है। जिला प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जनता की मांग: अधूरे प्रोजेक्ट पर वसूली बंद हो
स्थानीय जनता की स्पष्ट मांग है कि टोल वसूली तब तक बंद की जाए जब तक कछियारी से ज्वालामुखी तक का फोरलेन मार्ग पूरी तरह तैयार नहीं हो जाता। लोग प्रशासन और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।