Vimal Negi मामले में पहले दायर की गई एलपीए (Letters Patent Appeal) में पाई गई त्रुटियों को दुरुस्त करने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव गांधी ने हाईकोर्ट में याचिका नए सिरे से दाखिल की है। इस नए प्रयास के तहत अब मामले की सुनवाई और कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। यह मामला पहले तकनीकी खामियों के कारण अटका हुआ था, जिसे अब सुधारा गया है।
संजीव गांधी ने त्रुटियों को ठीक कर दोबारा दायर की एलपीए
विमल नेगी की मौत मामले में छुट्टी पर भेजे गए शिमला के एसपी संजीव गांधी ने पहले दायर एलपीए की त्रुटियों को ठीक कर हाईकोर्ट में नई अपील दाखिल की है। सोमवार देर शाम दाखिल की गई इस नई याचिका में अब अपील संजीव गांधी के नाम से की गई है, जबकि पहले वह एसपी के नाम से थी।
हाईकोर्ट से एसआईटी या स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग
\एलपीए में संजीव गांधी ने मांग की है कि विमल नेगी की मौत की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी या किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाए, जिससे निष्पक्षता बनी रह सके।
सीबीआई को केस सौंपने की प्रक्रिया पर उठाए सवाल
अपील में यह भी कहा गया है कि केस को एसआईटी को सुने बिना ही सीबीआई को सौंप दिया गया। डीजीपी द्वारा दायर हलफनामे में दिए गए जवाब को एकल जज द्वारा अनदेखा किया गया, जो न्याय प्रक्रिया के विरुद्ध है।
पहले की याचिका में रजिस्ट्री ने उठाई थी आपत्तियां
संजीव गांधी द्वारा 30 मई को दायर की गई एलपीए को हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने खामियों के चलते स्वीकार नहीं किया था। अब याचिका में ‘मेमो ऑफ पार्टी’ सहित अन्य संशोधन कर फिर से दाखिल किया गया है।
केंद्रीय एजेंसियों पर बदले की भावना से कार्रवाई का आरोप
एलपीए में गांधी ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियां उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही हैं, क्योंकि वह विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे संवेदनशील मामलों की जांच कर रहे हैं।
गैस विस्फोट मामले में फंसाने की साजिश का दावा
गांधी ने दावा किया है कि 2023 में शिमला के एक भोजनालय में हुए गैस विस्फोट को आतंकी घटना साबित करने की कोशिश की गई थी, जबकि जांच में यह एक सामान्य गैस रिसाव निकला। उन्होंने इसे एनएसजी के जरिये उन्हें फंसाने की साजिश बताया।