हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित लकड़ी से भरे दो पिकअप ट्राले जब्त किए हैं। लकड़ी की तस्करी का शक, जांच जारी।
नैहरियां में वन विभाग की कार्रवाई, प्रतिबंधित लकड़ी से लदे दो ट्राले जब्त
अंब उपमंडल के नैहरियां क्षेत्र में शनिवार देर रात वन विभाग की टीम ने अवैध लकड़ी की तस्करी को लेकर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। यह कार्रवाई रात लगभग 10:30 बजे की गई, जब विभाग की गश्ती टीम ने नाके के दौरान दो संदिग्ध पिकअप ट्रालों को रोका। दोनों वाहन नादौन की दिशा से नैहरियां की ओर आ रहे थे।
कैंबल, कामल, रजैण और सरींह जैसे प्रतिबंधित पेड़ों की लकड़ी बरामद
नाके पर तैनात बीओ रंजीत सिंह, फॉरेस्ट गार्ड मनीष कुमार (लंबा सैल) और फॉरेस्ट गार्ड अजय कुमार (ज्वार) ने दोनों ट्रालों की गहन जांच की। जांच के दौरान पिकअप ट्रकों में बड़ी मात्रा में कटान के लिए प्रतिबंधित प्रजातियों की लकड़ी पाई गई। बरामद लकड़ी में मुख्य रूप से कैंबल, कामल, रजैण और सरींह प्रजातियों की लकड़ी शामिल थी, जिनकी कटाई और परिवहन पर राज्य में पूर्ण प्रतिबंध है।
दोनों वाहन किए गए जब्त, तस्करी की आशंका पर जांच तेज
बीओ रंजीत सिंह ने पुष्टि की कि दोनों पिकअप ट्रकों को वन अधिनियम के तहत कब्जे में ले लिया गया है। मामले में आगे की जांच तेजी से चल रही है। प्रारंभिक संकेतों से यह प्रतीत होता है कि यह लकड़ी अवैध कटान (illegal felling) के माध्यम से प्राप्त की गई है, और इसे संभवतः किसी संगठित लकड़ी तस्करी गिरोह के जरिए दूसरे स्थानों तक पहुंचाया जा रहा था।
वन विभाग की सख्ती, तस्करों पर होगी कड़ी कार्रवाई
वन विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार के मामलों में “Zero Tolerance Policy” अपनाई जा रही है। प्रतिबंधित प्रजातियों की तस्करी को रोकने के लिए विभाग सख्त निगरानी और नियमित नाके लगा रहा है। यदि जांच में दोषियों की पहचान होती है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही के साथ-साथ जुर्माना और सज़ा भी तय की जाएगी।