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परागपुर में प्रभु कृपा दुख निवारण समागम 14 जून को आयोजित

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परागपुर गांव के विक्टोरिया गार्डन में 14 जून को सायं चार बजे प्रभु कृपा दुख निवारण समागम के आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर श्रद्धालु भाई-बहनों में बहुत ही उत्साह है। अनंतश्री विभूषित जगद्गुरु महाब्रह्मर्षि श्रीकुमार स्वामी जी के आगमन से उत्साहित श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए तैयारियां जोर-शोर से हो रही है।

हिमाचल प्रदेश के परागपुर में 14 जून को प्रभु कृपा दुख निवारण समागम का आयोजन किया जाएगा। समागम में भजन-कीर्तन और सत्संग के माध्यम से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक लाभ मिलेगा।

परागपुर में 14 जून को प्रभु कृपा दुख निवारण समागम का आयोजन

परागपुर गांव के विक्टोरिया गार्डन में 14 जून को सायं 4 बजे से प्रभु कृपा दुख निवारण समागम आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन को लेकर श्रद्धालु भाई-बहनों में भारी उत्साह देखा जा रहा है।

जगद्गुरु महाब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी के आगमन को लेकर तैयारियां जोरों पर

समागम में अनंतश्री विभूषित जगद्गुरु महाब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी के आगमन को लेकर श्रद्धालु काफी उत्साहित हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए आयोजन स्थल की भव्य सजावट और बैठने की व्यापक व्यवस्था की जा रही है। मार्गों पर दिशानिर्देश पट्टिकाएं भी लगाई गई हैं।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध, लंगर प्रसाद की व्यवस्था

भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम के आयोजकों ने श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए समुचित प्रबंध किए हैं। आयोजन स्थल पर सेवा समिति द्वारा सेवादारों की तैनाती की गई है, ताकि किसी को असुविधा न हो। समागम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए लंगर प्रसाद की भी व्यवस्था रहेगी।

अवधान के माध्यम से त्वरित दुख निवारण का होगा अनुभव

श्रद्धालु समागम में जगद्गुरु श्री कुमार स्वामी जी की अवधान शक्ति से दुख निवारण की कृपा प्राप्त करने के लिए लालायित हैं। बताया गया है कि कुछ ही मिनटों में रोग, पीड़ा, तनाव व अन्य समस्याओं से छुटकारा संभव है।

अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त बीज मंत्र, सनातन संस्कृति का हो रहा वैश्विक प्रचार

समिति ने बताया कि अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में बीज मंत्रों को मान्यता मिल चुकी है। स्वामी जी सनातन धर्म और आयुर्वेद के माध्यम से असाध्य रोगों का निवारण कर रहे हैं और विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।

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