सोशल मीडिया पर मंत्री और बेटे की जंग ने मचाया सियासी तूफान

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सोशल मीडिया पर एक मंत्री और उनके बेटे के बीच खुली जंग सामने आई है। पारिवारिक मतभेद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है, जिससे सियासी हलकों में हड़कंप मच गया है।

मंत्री पिता बनाम बेटा: सियासी गहमागहमी सोशल मीडिया पर

हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में Agricultural Minister चंद्र कुमार और उनके बेटे, पूर्व CPS नीरज भारती, के बीच सोशल मीडिया पर सार्वजनिक संघर्ष देखने को मिला। मुद्दा था चुनाव क्षेत्र में कुछ employee transfers का, जिस पर इतनी बहस बढ़ी कि मंत्री के इस्तीफे तक की अटकलें लगाई जाने लगीं। हालांकि मंत्री ने मीडिया के सामने इस तरह की बातों को सिरे से नकारा।

ट्रांसफर विवाद में नाराजगी, इस्तीफे की बात नहीं: चंद्र कुमार

शिमला में मीडिया से बात करते हुए कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने साफ किया कि उनके बेटे नीरज भारती कुछ ट्रांसफर एडजस्टमेंट्स को लेकर नाराज़ थे। उन्होंने कहा कि जब external interference होता है, तो स्थिति बिगड़ती है। लेकिन सीएम से चर्चा कर समाधान की कोशिश की गई है।

उन्होंने कहा, “Transfer is like a Pandora’s Box, जब खुलता है तो कई समस्याएं सामने आती हैं।” खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में स्थिति ज्यादा बिगड़ रही है। यहां तक कि लोग प्रमोशन के बावजूद अपनी जगह से हटना नहीं चाहते।

ट्रांसफर अब ‘धंधा’ बन चुका है: मंत्री का बयान

चंद्र कुमार ने कहा कि पहले की सरकारों में ट्रांसफर इतनी राजनीतिक चीज नहीं होती थी। लेकिन अब तो यह money-making tool बन गया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कौल सिंह और जयराम ठाकुर सरकारों ने ट्रांसफर पॉलिसी के लिए कमेटी बनाई थी, लेकिन कोई ठोस नीति नहीं बनी।

आज स्थिति यह है कि आम लोग भी नेताओं के पास ट्रांसफर की request लेकर आते हैं। उन्होंने कहा, “People don’t want to move, चाहे वे 12-15 साल से एक ही जगह क्यों न हों।”

“आप कुर्सी का आनंद लो, लड़ाई मैं लड़ूंगा”: बेटे नीरज की प्रतिक्रिया

उधर, मंत्री पिता के इस बयान पर बेटे नीरज भारती ने Facebook पोस्ट के माध्यम से पलटवार किया। उन्होंने लिखा कि यह उनकी कोई personal लड़ाई नहीं है, बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की लड़ाई है।

उन्होंने सीधे कहा – “जो भाजपाईयों के transfer वापस किए गए हैं, उन्हें अगर रद्द नहीं किया गया, तो मैं openly लड़ाई लड़ूंगा – आपके खिलाफ भी और आपकी सरकार के खिलाफ भी। फिलहाल आप अपने ministerial chair का आनंद लीजिए।”

कांग्रेस राज में भी भाजपा समर्थकों के काम?

नीरज भारती ने पोस्ट में लिखा कि जब विपक्ष में होते हैं, तो पार्टी नेताओं से जुड़े कर्मचारियों के ट्रांसफर दूरदराज किए जाते हैं। तब वादा किया जाता है कि सरकार आने पर adjustment किया जाएगा। लेकिन सरकार बनते ही, वही नेता ट्रांसफर को तुच्छ विषय कहने लगते हैं।

उन्होंने लिखा, “Congress leaders often forget their promises. हमारे कार्यकर्ता हताश हो चुके हैं, लेकिन मैं उनके साथ खड़ा हूं और लड़ाई लड़ता रहूंगा।

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