Himachal में बढ़ रहा सडक़ हादसों का ग्राफ, पूर्व मुख्यमंत्री ने जताई चिंता, मानवीय गलती मुख्य कारण प्रदेश में सडक़ हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इनमें असमय जान गंवाने वालों का आंकड़ा भी चिंतनीय है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने दुर्घटनाओं को लेकर गहरी चिंता जताई है।
हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पर गहरी चिंता जताई है और मानवीय गलती को इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बताया है।
हिमाचल में सड़क हादसों का बढ़ता ग्राफ
हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन हादसों में असमय जान गंवाने वालों की संख्या भी चिंताजनक हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने इस विषय पर गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने बताया कि केवल एक ही दिन में चार बड़े हादसे हुए, जिनमें दस लोगों की जान चली गई। यह हादसे न केवल दर्दनाक हैं बल्कि दस परिवारों की जिंदगी भी उजाड़ गए हैं।
गडकरी के आंकड़ों ने खोली आंखें
शांता कुमार ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा हाल ही में प्रस्तुत किए गए आंकड़ों का जिक्र किया, जिन्हें उन्होंने चौंकाने वाला बताया। इन आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 5 लाख सड़क हादसे होते हैं, जिनमें करीब 1.88 लाख लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। इतना ही नहीं, इन दुर्घटनाओं से देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 3 प्रतिशत नुकसान होता है।
90% हादसे मानवीय गलती से
पूर्व मुख्यमंत्री ने विभिन्न रिपोर्टों के हवाले से बताया कि करीब 90 प्रतिशत सड़क हादसों की वजह मानवीय लापरवाही होती है। इनमें तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना, नशे की हालत में ड्राइविंग करना और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन मुख्य कारण हैं। यह आंकड़े बतातें हैं कि दुर्घटनाएं केवल हालात की नहीं, बल्कि हमारी लापरवाही की देन हैं।
विदेशों से मिल सकता है सबक
शांता कुमार ने कहा कि दुनिया के कई विकसित देशों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बेहद कम है क्योंकि वहां यातायात नियमों को कड़ाई से लागू किया जाता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि अमेरिका में अगर कोई व्यक्ति तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते पकड़ा जाता है, तो उस पर भारी जुर्माना, ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन जैसी कड़ी सज़ाएं लगाई जाती हैं। यही कारण है कि वहां नियमों का उल्लंघन करने की हिम्मत कम ही लोग करते हैं।
भारत में चाहिए कड़े कानून
शांता कुमार ने सरकार से आग्रह किया कि भारत में भी यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर कोई तेज रफ्तार या नशे में गाड़ी चलाते पकड़ा जाए, तो उस पर ₹50,000 तक जुर्माना लगाया जाए और कुछ महीनों के लिए लाइसेंस रद्द किया जाए। इससे न केवल हजारों जानें बचाई जा सकेंगी, बल्कि सरकार को जुर्माने के रूप में करोड़ों की आय भी हो सकती है।