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Himachal News: हिमाचल सरकार का बड़ा कदम, प्लास्टिक नियंत्रण को लेकर लिया अहम फैसला

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हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बड़ा फैसला लिया है। इस निर्णय के तहत राज्य में प्लास्टिक के उपयोग पर सख्ती बरती जाएगी। जानिए सरकार का नया नियम और इसका जनता पर क्या असर होगा।

हिमाचल प्रदेश में सरकार ने प्लास्टिक नियंत्रण पर एक बड़ा फैसला लागू कर दिया है। राज्य में रिफंड डिपॉजिट स्कीम लागू कर दी गई है, जिसके तहत लोगों को प्लास्टिक में आने वाले उत्पादों पर अधिक राशि देनी होगी और बाद में अतिरिक्त धनराशि उन्हें रिफंड हो जाएगी।

प्लास्टिक कंट्रोल के लिए हिमाचल सरकार का नया कदम

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक अहम निर्णय लिया है। अब राज्य में Refund Deposit Scheme लागू कर दी गई है, जिसके तहत प्लास्टिक में आने वाले उत्पादों पर उपभोक्ताओं को अतिरिक्त चार्ज देना होगा।

 कैसे काम करेगी रिफंड डिपॉजिट योजना?

यदि कोई उपभोक्ता किसी उत्पाद को ₹10 में खरीदता है, तो उसे ₹12 या ₹15 अदा करने होंगे। अतिरिक्त दी गई राशि तभी वापस मिलेगी जब उपभोक्ता उस उत्पाद का plastic wrapper डिपॉजिट सेंटर में जमा करेगा। रैपर जमा करने पर ग्राहक को ऑनलाइन माध्यम से बैंक खाते में रिफंड भेजा जाएगा।

 कैबिनेट से मंजूरी, अधिसूचना जारी

इस योजना को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है और अब पर्यावरण विभाग ने इसकी official notification भी जारी कर दी है। योजना का संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक High Power Committee का गठन किया गया है।

हाई पावर कमेटी में कौन-कौन शामिल?

इस समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे, जबकि इसमें शहरी विकास, ग्रामीण विकास, लोक निर्माण, पर्यटन, वन, खाद्य आपूर्ति, वित्त, उद्योग, स्वास्थ्य, आबकारी विभाग के सचिव शामिल होंगे। पर्यावरण सचिव को Convenor नियुक्त किया गया है। यह कमेटी नीति, दिशा-निर्देश और प्रक्रिया तय करेगी।

बनाई जाएगी नॉन-प्रॉफिट सोसायटी

योजना के संचालन के लिए एक Non-Profit Society बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता पर्यावरण सचिव करेंगे। इसके बोर्ड में 14 से अधिक वरिष्ठ अधिकारी और विभागीय प्रतिनिधि सदस्य होंगे, जैसे शहरी विकास निदेशक, पीसीसीएफ (वन), स्वास्थ्य निदेशक, मिल्कफेड एमडी और अन्य।

 किस पर होगा असर?

यह योजना विशेष रूप से chips, chocolates, toffees, snacks जैसे उत्पादों पर लागू होगी, जिनमें प्लास्टिक की पैकिंग होती है। सरकार ने केवल कंपनियों को ही नहीं, बल्कि consumers को भी जिम्मेदार बनाया है।

क्या यह स्कीम होगी सफल?

अब सवाल यह है कि क्या यह पहल वास्तव में consumer behavior को बदलेगी? क्या लोग रैपर जमा करने सेंटरों तक जाएंगे? और क्या कंपनियां सहयोग करेंगी? इस योजना की सफलता इसके on-ground implementation पर निर्भर करेगी।

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