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हिमाचल पंचायत चुनाव 2025: नए सिरे से लागू होगा आरक्षण रोस्टर, जानें कब होंगे चुनाव

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हिमाचल प्रदेश में दिसंबर 2025 में पंचायत चुनाव होने हैं। राज्य सरकार ने 3577 पंचायतों के लिए नए सिरे से आरक्षण रोस्टर लागू करने का निर्णय लिया है।

पंचायत चुनाव के लिए नया आरक्षण रोस्टर लागू

हिमाचल प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2025 में होने वाले पंचायत चुनावों को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से आरक्षण रोस्टर लागू करने का फैसला लिया है। इस बार 2025 को आधार वर्ष मानते हुए फर्स्ट रोस्टर लागू होगा, जिससे रोटेशन प्रक्रिया नहीं अपनाई जाएगी।

अब पहले जैसा नहीं रहेगा आरक्षण का रोटेशन

अबकी बार पंचायत चुनावों में आरक्षण रोटेशन नहीं किया जाएगा। पहले कई लोग अपने-अपने वार्ड या पंचायत के आरक्षित होने के कयास लगा रहे थे, लेकिन नए निर्णय के अनुसार 2025 में नया रोस्टर लागू होगा। यह प्रक्रिया वर्ष 2010 के बाद पहली बार दोबारा अपनाई जा रही है।

पंचायत उपप्रधान पद पर नहीं होगा आरक्षण

हिमाचल की सभी पंचायतों में उपप्रधान पद पर किसी भी तरह का आरक्षण लागू नहीं होगा। इस पद के लिए कोई भी उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है, क्योंकि इस पर आरक्षण रोस्टर लागू नहीं होता।

पिछला रोस्टर वर्ष 2010 से 2020 तक रहा लागू

पिछली बार आरक्षण रोस्टर वर्ष 2010 में लागू किया गया था, जिसे वर्ष 2015 और 2020 के पंचायत चुनावों में भी अपनाया गया। अब 15 साल बाद 2025 में नया रोस्टर लाया जा रहा है।

एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाओं को चरणबद्ध आरक्षण

आरक्षण रोस्टर के तहत पहले चरण में अनुसूचित जाति (SC), दूसरे चरण में अनुसूचित जनजाति (ST), तीसरे में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अंतिम चरण में महिलाओं के लिए आरक्षण तय किया जाता है। आरक्षण उस क्षेत्र की आबादी के 5% से अधिक होने पर ही लागू होगा।

न्यूनतम 5% आबादी जरूरी आरक्षण के लिए

यदि किसी पंचायत में SC, ST या OBC की आबादी 5 प्रतिशत से कम है, तो उस पंचायत को अनारक्षित माना जाएगा। ऐसे क्षेत्र में कोई भी उम्मीदवार, चाहे वह किसी भी श्रेणी से हो, चुनाव लड़ सकता है।

पंचायत और जिला स्तर पर ऐसे लागू होता है रोस्टर

पंचायत प्रधान और पंचायत समिति सदस्य के लिए आरक्षण रोस्टर ब्लॉक स्तर पर लगाया जाता है। जिला परिषद सदस्य के लिए जिला स्तर की आबादी को आधार बनाया जाता है। सभी स्तरों पर महिलाओं को 50% आरक्षण देना अनिवार्य है, जो 2010 से लागू है।

चेयरमैन पदों पर भी लागू होगा आरक्षण

जिला परिषद चेयरमैन के लिए जिले की जनसंख्या को आधार बनाकर रोस्टर तैयार किया जाएगा। इसी तरह पंचायत समिति चेयरमैन के लिए संबंधित ब्लॉक की जनसंख्या को देखा जाएगा। यह प्रक्रिया अन्य पदों के रोस्टर के अनुसार ही चलेगी।

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