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सरकारी अस्पतालों में अब पर्ची के लिए देने होंगे 10 रुपये
हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों से अब ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए 10 रुपये का परामर्श शुल्क लिया जाएगा। सरकार ने यह फैसला रोगी कल्याण समिति (RKS) की ओर से दी जाने वाली सेवाओं — जैसे स्वच्छता, स्वास्थ्य, आधारभूत ढांचे और उपकरणों के रखरखाव — को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
आरकेएस को उपयोगकर्ता शुल्क लगाने की मिली मंजूरी
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अब आरकेएस को आवश्यकता के अनुसार उपयोगकर्ता शुल्क लगाने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। इसके अंतर्गत सभी मरीजों से पंजीकरण के समय 10 रुपये परामर्श शुल्क वसूला जाएगा। इससे पहले अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन बिलकुल मुफ्त होता था और पर्ची बनाने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाता था।
133 टेस्ट अब नहीं होंगे निशुल्क
सरकारी अस्पतालों में की जाने वाली 133 डायग्नोस्टिक जांचें अब मुफ्त नहीं रहेंगी। स्वास्थ्य विभाग ने 26 मई को जारी आदेश में यह फैसला लिया है कि अब इन सेवाओं पर शुल्क लिया जाएगा। इससे पहले ये जांचें विशेष रूप से चिन्हित 14 श्रेणियों के लोगों को निशुल्क प्रदान की जाती थीं।
14 श्रेणियों के मरीजों की मुफ्त जांच सुविधा भी हुई बंद
जिन 14 श्रेणियों से निशुल्क जांच सुविधा वापस ली गई है, उनमें कैंसर और किडनी के गंभीर मरीज, गर्भवती महिलाएं, 60 वर्ष से अधिक बुजुर्ग, टीबी व एचआईवी पीड़ित, दिव्यांग, मानसिक रोगी, जेल बंदी, एनआरएचएम लाभार्थी, निशुल्क दवा योजना के तहत आने वाले मरीज, आपदा पीड़ित, बाल सुधार गृह, वृद्धाश्रम और अनाथालय में रहने वाले शामिल हैं।
मुफ्त सेवाओं में कटौती के पीछे आर्थिक संकट
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही है और इसी कारण से कई मुफ्त सेवाओं में कटौती की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने पहले इस पर तर्क दिया था कि लोग ओपीडी पर्चियां संभाल कर नहीं रखते हैं, जिससे रिकॉर्ड बनाए रखना मुश्किल होता है। अब सरकार ने पर्ची के लिए शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है।