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हिमाचल में नशे का कहर: पांच महीने में चिट्टे की ओवरडोज से 8 मौतें, साढ़े तीन साल में गई 55 जानें

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हिमाचल प्रदेश में नशे का संकट गहराता जा रहा है। बीते पांच महीनों में चिट्टे की ओवरडोज से 8 लोगों की मौत हुई है, जबकि साढ़े तीन वर्षों में यह आंकड़ा 55 तक पहुंच चुका है।

प्रदेश में बढ़ते नशे का संकट

हिमाचल प्रदेश में नशे की समस्या गंभीर रूप लेती जा रही है। वर्ष 2025 में जनवरी से मई तक मात्र पांच महीनों में आठ लोगों की मौत चिट्टे (हेरोइन) की ओवरडोज से हो चुकी है। राज्य में नशा तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं और युवाओं में नशे की लत तेजी से फैल रही है। चिंताजनक बात यह है कि युवतियां भी नशे के कारोबार और सेवन दोनों में लिप्त पाई जा रही हैं।

साढ़े तीन साल में 55 मौतें, 3 महिलाएं भी शामिल

प्रदेश में पिछले साढ़े तीन वर्षों में कुल 55 लोगों की जान नशे की ओवरडोज से गई है। इनमें 52 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार:

2022: 8 मौतें (मंडी-1, कुल्लू-2, शिमला-5)

2023: 10 मौतें (हमीरपुर-2, कांगड़ा-1, बद्दी-3, कुल्लू-4)

2024: 29 मौतें (शिमला-5, कुल्लू-5, बिलासपुर-5, बद्दी-5, मंडी-3, हमीरपुर-2, नूरपुर-1, कांगड़ा-2, सोलन-1)

2025 (जनवरी से मई तक): 8 मौतें (बिलासपुर-2, बद्दी-1, कुल्लू-1, मंडी-2, शिमला-1, ऊना-1)

नशा तस्करी पर पुलिस की सख्त कार्रवाई

हिमाचल प्रदेश पुलिस नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। अब तक 60 से अधिक सरकारी कर्मचारी भी नशा तस्करी में पकड़े जा चुके हैं। पुलिस ने वर्ष 2025 में 30 अप्रैल तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 783 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें:

प्रदेश सरकार नशे के कारोबार में शामिल लोगों पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है, लेकिन नशा तस्करी की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि हर माह नए मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है, लेकिन नशे की खपत और सप्लाई चैन को पूरी तरह तोड़ना अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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