हिमाचल में हुआ राज्य स्तरीय 9वां मेगा मॉकड्रिल अभ्यास, सभी जिलों में आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा

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हिमाचल प्रदेश में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और NDMA के सहयोग से 9वां राज्य स्तरीय मेगा मॉक अभ्यास आयोजित किया गया। जानें किन जिलों में कितनी साइट्स पर अभ्यास हुआ और क्या रहे प्रमुख निष्कर्ष।

हिमाचल में आयोजित हुआ 9वां राज्य स्तरीय मेगा मॉकड्रिल

हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सहयोग से शुक्रवार को प्रदेशभर में 9वां राज्य स्तरीय मेगा मॉक अभ्यास (Mega Mock Drill) आयोजित किया। यह अभ्यास Incident Response System (IRS) के राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया गया, जो हिमाचल में 7 सितंबर 2017 से लागू है।

 तीन चरणों में हुआ आयोजन

यह मॉक अभ्यास तीन प्रमुख चरणों में आयोजित किया गया:

  1. 27 मई 2025: Orientation और Coordination Workshops
  2. 3 जून 2025: Table Top Exercise
  3. 6 जून 2025: Field Level Real-time Mock Drill

इस रणनीतिक क्रम ने सभी विभागों को व्यावहारिक अभ्यास का पर्याप्त अवसर दिया।

 109 साइट्स पर हुआ राज्यव्यापी अभ्यास

प्रदेश के सभी 12 जिलों में कुल 109 simulation sites पर यह मॉक ड्रिल आयोजित हुई:

  1. कांगड़ा में 17, मंडी और शिमला में 12-12
  2. हमीरपुर में 10, चंबा में 9, लाहुल-स्पीति में 9
  3. सोलन में 9, सिरमौर और किन्नौर में 7-7
  4. कुल्लू में 7, ऊना में 6, बिलासपुर में 4

विविध आपदा परिदृश्यों पर अभ्यास

अभ्यास में earthquake, landslide, floods, building collapse, fire incidents, industrial accidents, dam breach और emergency medical response की स्थितियों को simulate किया गया।

 राष्ट्रीय एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी

इस आयोजन में कई national-level response agencies ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जैसे:

  1. NDRF (National Disaster Response Force)
  2. Indian Army & Air Force
  3. ITBP (Indo-Tibetan Border Police)
  4. SSB (Sashastra Seema Bal)
  5. Deepak Project personnel

समन्वय पर जोर

NDMA के Chief Advisor मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सुधीर बहल ने सभी विभागों के बीच inter-agency coordination को और सशक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि preparedness और alertness से ही आपदाओं का प्रभाव कम किया जा सकता है।

 नेटवर्किंग और लॉजिस्टिक क्षमता होगी मजबूत

विशेष सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबंधन) डीसी राणा ने medical response plans, logistics readiness और rescue system को और मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने VSAT communication networks और GIS-based geospatial mapping प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने को कहा।

कमियों को दूर करने के निर्देश

मॉकड्रिल के उपरांत हुई debriefing session की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत ने की। उन्होंने कहा, “शांति में पसीना बहाना ही युद्ध में खून बहने से बचाता है।” सभी विभागों को निर्देश दिए गए कि वे अभ्यास के दौरान पाई गई कमियों को action points में बदलें।

 निष्कर्ष

हिमाचल की यह मेगा मॉकड्रिल न केवल एक technical rehearsal थी, बल्कि यह एक statewide awareness और preparedness campaign भी था। इसमें नागरिकों, अधिकारियों और सुरक्षाबलों की सक्रिय भागीदारी रही, जिससे राज्य की disaster resilience को नई मजबूती मिली।

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