सरकार द्वारा प्रतिदिन 2.32 लाख लीटर दूध की खरीद: ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी उद्योग बना आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम

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सरकार द्वारा प्रतिदिन 2.32 लाख लीटर दूध की खरीद से हिमाचल जैसे राज्यों में डेयरी उद्योग को अभूतपूर्व प्रोत्साहन मिला है। यह पहल न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ा रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी स्थायित्व और आत्मनिर्भरता प्रदान कर रही है।

हिमाचल प्रदेश ने देश में पहली बार दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price – MSP) लागू कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। प्रदेश सरकार प्रतिदिन 2.32 लाख लीटर दूध पशुपालकों से खरीद रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिर और सुनिश्चित आय का स्रोत तैयार हुआ है।

सहकारी संस्थाओं को छह करोड़ की सहायता से ग्रामीणों को मिला आर्थिक बल

प्रदेश सरकार ने Cooperative Societies को वार्षिक छह करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है। इससे न केवल किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि ग्रामीण सशक्तिकरण (Rural Empowerment) को भी बढ़ावा मिला है। यह कदम राज्य सरकार की सतत ग्रामीण विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

38,400 पशुपालकों से रोजाना दूध खरीद कर ग्रामीण उत्पादकों को मिली स्थिर आमदनी

वर्तमान में सरकार लगभग 38,400 dairy farmers से प्रतिदिन औसतन 2.25 लाख लीटर गाय का दूध खरीद रही है, जिसे गुणवत्ता के आधार पर ₹51 प्रति लीटर MSP पर खरीदा जाता है। वहीं, 1,482 भैंस पालकों से रोज़ाना 7,800 लीटर दूध ₹61 प्रति लीटर MSP पर खरीदा जा रहा है।

दुर्गम क्षेत्रों के पशुपालकों को सरकार दे रही है परिवहन भत्ता

दूध आपूर्ति की भौगोलिक चुनौती को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों के पशुपालकों को ₹2 प्रति लीटर Transport Allowance दे रही है। यह सहायता दुग्ध विपणन में उन्हें राहत देने के लिए दी जा रही है।

‘हिम गंगा’ योजना से ग्रामीण डेयरी सेक्टर में बड़ा बदलाव

राज्य की महत्वाकांक्षी योजना ‘Him Ganga’ के तहत हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में 268 नई Dairy Cooperative Societies की स्थापना की गई है। इनमें से 11 समितियां हमीरपुर में और 99 समितियां कांगड़ा में पंजीकृत की जा चुकी हैं।

महिला समितियों का नेतृत्व बना ग्रामीण सशक्तिकरण की मिसाल

हमीरपुर जिले की 46 दुग्ध समितियों में से 20 समितियों का नेतृत्व महिलाएं (Women-Led Societies) कर रही हैं। कांगड़ा जिले में 222 समितियों के माध्यम से 5,166 किसान संगठित होकर दुग्ध उत्पादन और विपणन को सशक्त बना रहे हैं।

बकरी के दूध खरीद की पायलट परियोजना से नई शुरुआत

राज्य सरकार ने Goat Milk Purchase के लिए भी एक Pilot Project की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत रोजाना लगभग 100 लीटर बकरी का दूध ₹70 प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है, जिससे छोटे पशुपालकों को भी आर्थिक बल मिल रहा है।

किसानों की आय बढ़ाना और महिलाओं को सशक्त बनाना सरकार का लक्ष्य

\मुख्यमंत्री Sukhvinder Singh Sukhu ने कहा कि दुग्ध क्षेत्र में सरकार की पहल केवल आँकड़ों तक सीमित नहीं है। यह Inclusive और Sustainable Ecosystem तैयार करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है, जिससे किसानों की आय, महिला सशक्तिकरण और सहकारी संस्थाओं को मजबूती मिलेगी।

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