आपातकाल के 49 साल बाद भी कांग्रेस ने आज तक इसके लिए माफी नहीं मांगी है। जानिए क्यों यह ऐतिहासिक मुद्दा आज भी राजनीतिक बहस का केंद्र बना हुआ है और इसके क्या हैं प्रभाव।
कांग्रेस आज भी आपातकाल के लिए माफी मांगने को तैयार नहीं: किरेन रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि कांग्रेस आज संविधान की दुहाई देती है, लेकिन जब देश में आपातकाल लगाया गया था, तब उसने लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाईं। उन्होंने आरोप लगाया कि आपातकाल के दौरान हजारों लोगों को जेलों में बंद कर दिया गया था और उन्हें अपने परिजनों के अंतिम संस्कार में शामिल होने तक की अनुमति नहीं दी गई। रिजिजू ने कहा कि आज तक कांग्रेस ने आपातकाल और उसके कृत्यों के लिए देश से माफी नहीं मांगी।
शिमला में भाजपा ने आयोजित किए कई कार्यक्रम
गुरुवार को शिमला स्थित होटल पीटरहॉफ में भाजपा द्वारा आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सुबह 10:15 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण किया। इसके बाद उन्होंने आपातकाल पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
भाजपा युवा मोर्चा द्वारा आयोजित मॉक पार्लियामेंट का भी उन्होंने शुभारंभ किया। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, सांसद सुरेश कश्यप, विधायक बलबीर वर्मा, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, और कई अन्य नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम की जानकारी भाजपा प्रदेश प्रभारी कर्ण नंदा ने दी।
आपातकाल की मानसिकता आज भी ज़िंदा है: डॉ. राजीव बिंदल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने संगोष्ठी में कहा कि आपातकाल के 50 साल बीतने के बाद भी कांग्रेस की सोच में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा, “संविधान की हत्या को याद रखना और दूसरों को उसका स्मरण कराना आवश्यक है, क्योंकि कांग्रेस आज भी उसी तानाशाही मानसिकता के साथ काम कर रही है।”
कांग्रेस ने पीएम पर बिठाया था ‘सुपर पीएम’: जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वह आज भी मानती है कि देश पर सिर्फ एक परिवार का ही अधिकार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने ही प्रधानमंत्री के ऊपर सुपर पीएम बिठा दिया था और आज भी एक साधारण व्यक्ति का प्रधानमंत्री बनना कांग्रेस को बर्दाश्त नहीं हो रहा।
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि आपातकाल की तरह ही आज भी कांग्रेस-शासित राज्यों में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए संविधान में अलोकतांत्रिक संशोधन कर उसकी आत्मा को बदल दिया था, और जो अधिकारी या न्यायाधीश कांग्रेस के निर्देशों पर नहीं चलते थे, उन्हें हटा दिया जाता था या उनका तबादला कर दिया जाता था।