हिमाचल, हरियाणा और पंजाब में चिट्टा तस्करी का जाल फैलाने वाले मुख्य सप्लायर को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी लंबे समय से नशे का नेटवर्क संचालित कर रहा था।
शिमला पुलिस को ड्रग माफिया के खिलाफ बड़ी कामयाबी
शिमला पुलिस की नशे के खिलाफ मुहिम में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने चिट्टा तस्करी के मामले में मुख्य सप्लायर विजय सोनी को गिरफ्तार किया है, जो हरियाणा के सिरसा का निवासी है। उसे शिमला जिला के ठियोग थाना क्षेत्र में दर्ज केस के आधार पर पकड़ा गया।
18 ड्रग केसों में आरोपी, हिमाचल-हरियाणा-पंजाब में फैलाया नेटवर्क
विजय सोनी के खिलाफ पहले से ही हिमाचल, हरियाणा और पंजाब में ड्रग तस्करी से जुड़े 18 केस दर्ज हैं। वह लंबे समय से एक संगठित नशा गिरोह चला रहा था।
ठियोग में युवक के पास से मिला 76 ग्राम चिट्टा, जांच से सामने आया पूरा नेटवर्क
9 जनवरी 2025 को ठियोग में पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक भारी मात्रा में चिट्टा लेकर आ रहा है। राहिघाट बाइपास से पुलिस ने उत्तराखंड के रुड़की निवासी हर्ष सैनी को 76 ग्राम से अधिक चिट्टा सहित पकड़ा। जांच में नेटवर्क का विस्तार हुआ और कई अन्य आरोपी गिरफ्तार हुए।
कई राज्यों से जुड़े आरोपी, नेटवर्क का दायरा था बड़ा
हर्ष सैनी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सहारनपुर निवासी हर्ष वर्मा, अबोहर (पंजाब) निवासी सनी, और अन्य आरोपियों – कार्तिक वर्मा, राहुल शर्मा, संदीप, अंकुश टांटा और पपील भूषण को हिरासत में लिया।
मोबाइल डेटा और साइबर ट्रैकिंग से मिली सफलता
दून थाना और साइबर सैल सोलन की तकनीकी निगरानी से पता चला कि आरोपी विजय सोनी बेहद शातिर है। वह लगातार मोबाइल, सिम कार्ड और लोकेशन बदलकर पुलिस से बचता रहा। वह व्हाट्सऐप कॉल और अस्थायी Wi-Fi नेटवर्क से संपर्क करता था।
खरड़ (पंजाब) से पकड़ा गया आरोपी, साइबर ट्रेसिंग से मिला सुराग
सात फरवरी 2025 को आरोपी की लोकेशन पंजाब के खरड़ स्थित सेक्टर-9 में ट्रेस की गई। आठ फरवरी को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
2021 से हिमाचल में सक्रिय था ड्रग सिंडिकेट
जांच में खुलासा हुआ कि विजय सोनी 2021 से हिमाचल में ड्रग नेटवर्क चला रहा था। उसकी नशे की सप्लाई मुख्य रूप से पंजाब और मोहाली से होती थी। हिमाचल में वह करीब 200 युवाओं को नशे की दलदल में धकेल चुका था।
ड्रग मनी से खरीदीं महंगी गाड़ियां, जब्त की गईं
वित्तीय जांच से पता चला कि विजय सोनी, राहुल दीवान और वर्तिक चौहान ने ड्रग मनी से मर्सिडीज-बेंज, फोर्ड ईकोस्पोर्ट और फॉर्नेक्स टर्बो जैसी लग्जरी कारें खरीदी थीं, जिनकी कीमत लगभग 1.10 करोड़ रुपये है। दिल्ली की सक्षम प्राधिकरण ने इन गाड़ियों को जब्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं।