विमल नेगी की मौत के मामले में सीएम सुक्खू ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने एसीएस, डीजीपी और एसपी को उनके पदों से हटा दिया है। जानिए पूरी खबर और इस फैसले के पीछे की वजह।
75 सालों में सबसे सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई
Himachal Pradesh के गठन के बाद से अब तक की सबसे बड़ी disciplinary action लेते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तीन सीनियर अफसरों को उनके पदों से हटा दिया है। यह कदम Vimal Negi death case में अफसरों की गंभीर लापरवाही को देखते हुए लिया गया है।
तीन वरिष्ठ अफसर जबरन छुट्टी पर
राज्य सरकार ने Additional Chief Secretary (Home) ओंकार शर्मा, Director General of Police (DGP) डॉ. अतुल वर्मा और Superintendent of Police (SP) Shimla संजीव गांधी को जबरन छुट्टी पर भेज दिया है। इनमें से डीजीपी और एसपी को Show Cause Notices जारी किए गए हैं। नोटिस में पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ suspension की कार्रवाई की जाए।
अफसरों के कार्यभार में बड़ा फेरबदल
एसीएस ओंकार शर्मा से पूरा charge withdrawn कर लिया गया है। उनकी जिम्मेदारियां अब Additional Chief Secretary Kamlesh Kumar Pant को सौंपी गई हैं, जो अब Home, Vigilance, Revenue और Pollution Control Board के अध्यक्ष का कार्य देखेंगे।
नए विभागों की जिम्मेदारी नए अधिकारियों को
Kadam Sandeep Vasant को Jal Shakti Department की कमान दी गई है, जबकि Rakhil Kahlon को Tribal Development Department का जिम्मा सौंपा गया है। DGP का अतिरिक्त कार्यभार अब 1993 बैच के IPS officer Ashok Tiwari के पास रहेगा। शिमला एसपी का कार्य फिलहाल Solan SP Gaurav Singh संभालेंगे।
केस में अफसरों की खींचतान बनी सरकार की फजीहत की वजह
Vimal Negi Case में सीनियर अफसरों के बीच internal conflict के चलते सरकार की छवि को नुकसान हुआ। डीजीपी ने एक सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी, जो शिमला पुलिस की जांच से बिल्कुल अलग थी। एसीएस ने बिना Legal Review के अपनी रिपोर्ट दायर कर दी और एसपी की रिपोर्ट भी इन दोनों से मेल नहीं खा रही थी।
मुख्यमंत्री का गुस्सा और त्वरित कार्रवाई
मुख्यमंत्री सुक्खू ने पहले Core Team के साथ चर्चा की, फिर दो दिन की बैठकों के बाद यह कड़ा फैसला लिया। सरकार का मानना है कि यह मामला gross indiscipline का है, जिसकी वजह से केस CBI को सौंपना पड़ा।
नोटिस के बाद अगली कार्रवाई की तैयारी
सरकार ने साफ कर दिया है कि administrative indiscipline किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह केवल initial action है, आगे suspension और departmental inquiry की प्रक्रिया भी हो सकती है।
DGP और SP पर जांच कमेटी का गठन
राज्य सरकार ने डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा और एसपी संजीव गांधी के आचरण की जांच के लिए दो सदस्यीय Inquiry Committee बनाई है। इसमें Additional Chief Secretary R.D. Nazim और Principal Secretary (Law) को शामिल किया गया है। यही कमेटी नोटिस के जवाब की evaluation करेगी।