1 जून के बाद शिक्षकों के ट्रांसफर पर रोक, लड़कियों और लड़कों के स्कूलों के मर्ज की तैयारी

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राज्य सरकार ने 1 जून के बाद शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगाने का फैसला किया है। इसके साथ ही गर्ल्स और ब्वायज स्कूलों को मर्ज करने की योजना पर भी काम चल रहा है, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके।

तबादलों पर पूरे साल के लिए रोक, 15 दिनों में निपटेंगे पुराने आवेदन

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के तबादले अब 1 जून 2025 से पूरे वर्ष के लिए बंद कर दिए जाएंगे। यह जानकारी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। उन्होंने बताया कि इस समय तक जितने भी तबादला आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनका निपटारा आगामी 15 दिनों में कर लिया जाएगा। शिक्षा निदेशालय को अभी तक लगभग 18,000 ट्रांसफर आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय छात्रों की पढ़ाई में व्यवधान से बचने के उद्देश्य से लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा ताकि नीति के रूप में इसे प्रभावी बनाया जा सके।

यूक्तिकरण के तहत ट्रांसफर किए गए शिक्षकों को वापसी का विकल्प

रोहित ठाकुर ने कहा कि यूक्तिकरण (Rationalization) के अंतर्गत जिन शिक्षकों को ट्रांसफर किया गया था और वे नई जगह पर जॉइन कर चुके हैं, उन्हें अपने पुराने स्कूल में लौटने का विकल्प मिलेगा। सरकार पहले ही 450 टीजीटी ट्रांसफर ऑर्डर वापस ले चुकी है और संबंधित रेफर बैक की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि जिन 70 शिक्षकों ने जॉइनिंग दी थी, वे अपने ऑर्डर खुद ही विदड्रॉ (withdraw) कर चुके हैं।

स्थानीय स्तर पर स्टाफ एडजस्टमेंट की योजना

सरकार अब ऐसी व्यवस्था की तैयारी में है कि यदि किसी शिक्षक की आवश्यकता उसी ज़िले के किसी नजदीकी स्कूल में हो, तो बिना तबादले के वहीं जॉइनिंग दी जा सके। ये निर्णय केवल उन्हीं स्कूलों पर लागू होंगे जहां स्टाफ सरप्लस (Surplus) है। इसके लिए जिलों के डिप्टी डायरेक्टर्स को 10 दिन के भीतर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।

स्कूलों के मर्जर की नई पॉलिसी पर काम शुरू

राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए स्कूलों को मर्ज करने की नीति पर भी काम कर रही है। मंत्री ने कहा कि ऐसे स्कूल जहां छात्रों की संख्या 6वीं से 12वीं तक 25 से कम है और 5 किलोमीटर के दायरे में कोई अन्य स्कूल है, वहां मर्जर किया जाएगा। साथ ही, 11वीं और 12वीं में एनरोलमेंट 10 से कम होने पर भी मर्जिंग की जाएगी।

इसमें लड़कों और लड़कियों के अलग-अलग स्कूलों को भी मर्ज करने का प्रस्ताव शामिल है। राज्य में अभी तक 1200 स्कूल मर्ज किए जा चुके हैं और अब और करीब 80 स्कूलों को इस योजना में जोड़ा जाएगा।

100 जीरो एनरोलमेंट स्कूल होंगे डिनोटिफाई

मंत्री ने बताया कि प्रदेश में करीब 100 ऐसे स्कूल हैं जहां एक भी छात्र नामांकित नहीं है। इन स्कूलों को डिनोटिफाई करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके लिए नया डाटा कलेक्ट किया जा रहा है, ताकि जरूरत के हिसाब से संसाधनों का पुनः वितरण किया जा सके।

प्राथमिक शिक्षकों से सरकार वार्ता को तैयार

शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ वार्ता के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि संगठन जब भी चाहे, बात कर सकता है। गौरतलब है कि 26 अप्रैल से शिक्षक हड़ताल पर हैं और शिक्षा निदेशालय के बाहर धरने पर बैठे हैं।

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