प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। अब योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जो पात्र होंगे, फर्जी आवेदनों को किया जाएगा बाहर।
फर्जीवाड़े पर लगाम, पात्रता की होगी कड़ी जांच
अब प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलेगा, जो वास्तव में बेघर और जरूरतमंद हैं। इस बार सरकार ने पूरी प्रक्रिया को digitally monitored किया है, जिससे फर्जी आवेदनों की गुंजाइश नहीं रहेगी।
बिलासपुर में हुआ डिजिटल सर्वे, 5,000 नए लाभार्थी शामिल
जिला बिलासपुर की 176 ग्राम पंचायतों में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा विकसित Awaas Plus 2.0 Mobile App के माध्यम से डिजिटल सर्वेक्षण कराया गया। विशेष रूप से गठित टीमों ने गांव-गांव जाकर पात्र परिवारों की जानकारी इकट्ठा की।
सर्वेक्षण ग्राम सचिवों और तकनीकी सहायकों की निगरानी में संपन्न हुआ और अब यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। बिलासपुर जिले से इस बार 5,000 नए लाभार्थियों का चयन किया गया है।
₹1.20 लाख की आर्थिक सहायता – तीन किस्तों में
इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को मकान निर्माण के लिए ₹1,20,000 की सहायता राशि दी जाती है, जो तीन किश्तों में जारी की जाती है। इसके बाद प्रशासनिक स्तर पर दस्तावेज़ों का सत्यापन होगा और पात्र पाए जाने पर राशि प्रदान की जाएगी।
पात्रता के मुख्य मापदंडइस योजना का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलेगा:
- जिनके पास पक्का मकान नहीं है
- जो गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन कर रहे हैं
- जिनका नाम डिजिटल सर्वे में सत्यापित किया गया है
डिजिटल तकनीक से पारदर्शिता और विश्वास बढ़ा
अधिकारियों के अनुसार, इस डिजिटल प्रक्रिया से योजना में transparency और trust को बल मिला है। अब कोई भी अयोग्य व्यक्ति योजना का लाभ नहीं उठा सकेगा।