बिजली बोर्ड ने कुल्लू जिला में 126 मेगावाट क्षमता की लारजी जल विद्युत परियोजना को पूरी तरह बहाल कर कार्यशील कर दिया गया है। यह परियोजना 9 और 10 जुलाई, 2023 को ब्यास नदी में आई बाढ़ के कारण पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस परियोजना को बहाल करने का कार्य दो वर्ष से भी कम समय में पूर्ण हुआ है।
लारजी जलविद्युत परियोजना में फिर शुरू हुआ बिजली उत्पादन
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित 126 मेगावाट क्षमता वाली लारजी जल विद्युत परियोजना को पूरी तरह से बहाल कर दिया गया है। यह परियोजना 9 और 10 जुलाई 2023 को ब्यास नदी में आई भीषण बाढ़ के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी।
अब परियोजना के सभी यूनिट्स पूरी तरह कार्यशील हैं और बिजली उत्पादन दोबारा शुरू हो चुका है, जिससे राज्य की ऊर्जा आपूर्ति में स्थिरता आई है।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में तेज़ी से हुई बहाली
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस परियोजना की बहाली को प्राथमिकता दी। बहाली कार्य के लिए क्रमशः निधि आवंटित की गई:
प्रारंभ में ₹25 करोड़
इसके बाद ₹35 करोड़
और अंत में ₹185.87 करोड़ की अतिरिक्त राशि
इस फंडिंग से तेजी से मरम्मत और पुनर्निर्माण संभव हो सका।
इंजीनियरों और कर्मचारियों के प्रयास रंग लाए
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (HPSEBL) के इंजीनियरों और कर्मचारियों के समर्पण की सराहना की। उनके अथक प्रयासों के चलते विभिन्न यूनिट्स निर्धारित समय पर पुनः शुरू किए गए:
यूनिट-1: 15 जनवरी 2024
यूनिट-2: 9 अगस्त 2024
यूनिट-3: 17 जनवरी 2025
सभी यूनिट्स: अब पावर ग्रिड से जुड़े और कार्यशील
भारी मलबा हटाने और संरचना को सुरक्षित बनाने का कार्य हुआ
बाढ़ के दौरान टरबाइन इकाइयों में भारी मात्रा में मलबा भर गया था, जिससे उनका संचालन महीनों तक बाधित रहा। इसके निवारण के लिए:
यूनिट्स से मलबा हटाया गया
प्रवेश सुरंग पर मजबूत स्टील गेट लगाया गया
आपातकालीन सुरंग में भी गेट और जलरोधी सिस्टम का निर्माण किया जा रहा है
इससे भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान परियोजना की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
लारजी परियोजना से प्रदेश को मिलेगी नई ऊर्जा
अब जब परियोजना फिर से पूरी क्षमता से काम कर रही है, इससे:
राज्य को स्थायी बिजली आपूर्ति में मदद मिलेगी
राजस्व में वृद्धि होगी
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी