जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर लगाए गंभीर आरोप – सीबीआई जांच की मांग तेज

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Former CM Jai Ram Thakur ने हिमाचल सरकार पर भ्रष्टाचार और साक्ष्य मिटाने के आरोप लगाए। विमल नेगी केस में की CBI जांच की मांग, मुख्यमंत्री सुक्खू से इस्तीफे की अपील।

विमल नेगी की मौत पर जयराम ठाकुर का गंभीर आरोप

नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पुलिस अधीक्षक (SP) और डीजीपी (DGP) के बीच जारी विवाद एक गंभीर स्थिति दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि विमल नेगी की संदिग्ध मौत भ्रष्टाचार को दबाने की साजिश का हिस्सा थी।

 प्रेस वार्ता में विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला

प्रेस वार्ता में जयराम ठाकुर के साथ विधायक जनक राज और पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी मौजूद थे। जयराम ठाकुर ने कहा कि पूरा विपक्ष सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहा है क्योंकि सरकार ने नेगी परिवार को न्याय से दूर रखने का प्रयास किया है।

 जनता और परिवार को नहीं मिला जवाब

जयराम ठाकुर ने कहा कि आज भी विमल नेगी के परिजन और जनता यह जानना चाहते हैं कि मौत का असली कारण क्या है। वे शुरू से ही राज्य की जांच प्रक्रिया से असंतुष्ट थे और CBI जांच की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज किया।

 CBI जांच पर सरकार की कथित गुमराह जानकारी

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का यह कहना कि नेगी परिवार ने CBI जांच की मांग नहीं की, पूरी तरह गलत और भ्रामक है। यह सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।

प्रेस वार्ता बनाम अदालत – न्यायपालिका का अपमान

जयराम ठाकुर ने कहा कि पुलिस अधीक्षक ने अपने उच्च अधिकारी के खिलाफ जो प्रेस वार्ता की और डीजीपी ने जो हलफनामा कोर्ट में दायर किया, वह बताता है कि पुलिस विभाग सरकार के दबाव में कार्य कर रहा है। SP और एडवोकेट जनरल द्वारा कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाना अदालत की अवमानना (Contempt of Court) है।

रिकॉर्ड से छेड़छाड़ और फॉरेंसिक रिपोर्ट में खुलासे

जयराम ठाकुर ने कहा कि जिन अधिकारियों ने रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की है, उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। फॉरेंसिक जांच से यह सामने आया कि विमल नेगी की पेन ड्राइव फॉर्मेट की गई थी, जो साक्ष्य मिटाने का प्रयास है।

कांग्रेस नेताओं और अफसरों पर कार्रवाई की मांग

ठाकुर ने आरोप लगाया कि जिन कांग्रेस नेताओं को सरकारी संरक्षण प्राप्त है, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब SP, DGP, पूर्व DGP और Chief Secretary एक-दूसरे पर इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।

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