हिमाचल सरकार के 12,210 करोड़ खर्च नहीं हुए, ब्याज ट्रेजरी में जमा करने के निर्देश जारी

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हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 12,210 करोड़ रुपये की राशि खर्च नहीं की जा सकी है। अब इस राशि पर प्राप्त ब्याज को ट्रेजरी में जमा करने के आदेश जारी किए गए हैं। वित्त विभाग ने सभी विभागों से ब्यौरा मांगा है।

खर्च नहीं हुए ₹12,210 करोड़, ब्याज ट्रेजरी में जमा करने के आदेश

Himachal Pradesh में सरकारी विभागों द्वारा पिछले 13 वर्षों (2010–2023) में खर्च न किए गए ₹12,210 करोड़ रुपये पर अब सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री Sukhvinder Singh Sukhu के निर्देश पर इन फंड्स पर मिले ब्याज को state treasury में जमा करने के आदेश जारी किए गए हैं।

बिना उपयोग के 32 से अधिक बैंकों में पड़े हैं सरकारी फंड्स

इन फंड्स को विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटित किया गया था, लेकिन उन्हें utilize ही नहीं किया गया। ये राशि 32+ banks में अलग-अलग फॉर्म में जमा है — जिसमें savings accounts, fixed deposits (FDs) और current accounts शामिल हैं।

सरकारी विभागों की ओर से निम्नलिखित बैंकों में सबसे अधिक राशि जमा है:

  • SBI: ₹1,954 करोड़
  • PNB: ₹1,946 करोड़
  • HDFC: ₹1,906 करोड़
  • ICICI: ₹1,497 करोड़
  • State Cooperative Bank: ₹1,264 करोड़
  • UCO Bank: ₹748 करोड़
  • Axis Bank: ₹476 करोड़
  • AU Small Finance Bank: ₹295 करोड़
  • HP Gramin Bank: ₹284 करोड़
  • Bank of Baroda: ₹254 करोड़
  • अन्य 22 बैंकों में: ₹1,581 करोड़

अब तक की जमा राशि का ब्योरा 10 मई तक मांगा

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, Finance Secretary Abhishek Jain को निर्देश दिए गए हैं कि वह 10 मई तक रिपोर्ट दें कि कितनी राशि अब तक बैंकों से recovered की जा चुकी है। यह प्रक्रिया एक व्यापक financial management strategy के तहत हो रही है ताकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जा सके।

एक ओर घाटा, दूसरी ओर बैंकों में जमा फंड

हिमाचल का चालू वित्त वर्ष करीब ₹10,000 करोड़ के fiscal deficit का सामना कर रहा है। वहीं, सरकारी विभागों के पास unused funds पड़े हैं, जिन पर वे बैंकों से ब्याज कमा रहे हैं। यह स्थिति वित्तीय असंतुलन की ओर इशारा करती है और सरकार अब इस गड़बड़ी को सुधारने के मूड में है।

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