हिमाचल: शरची गांव में बिताई रात, ग्रामीणों से पारिवारिक माहौल में बातचीत, दिया भरोसेमंद आश्वासन

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हिमाचल के शरची गांव में नेता ने ग्रामीणों के साथ रात बिताई और परिवार जैसा व्यवहार करते हुए संवाद किया। इस दौरान उन्होंने जनता को एक महत्वपूर्ण आश्वासन भी दिया, जिसने सभी को भावुक कर दिया।

मुख्यमंत्री ने गांव में रात बिताने का लिया निर्णय
CM Spends Night in Remote Village

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू जिले के बंजार उपमंडल के अंतर्गत आने वाले शरची गांव (Sharachi Village) में रात बिताई। उन्होंने कहा, “मैं दुर्गम गांव में रात बिताने आया हूं। सरकार हर गांव को विकसित करने का प्रयास कर रही है।” इससे पहले भी उन्होंने डोडराक्वार (Dodra-Kwar) जैसे दुर्गम क्षेत्र में रात गुजारी थी।

ग्रामीणों से की परिवार जैसी बातचीत
Interaction with Villagers Like Family

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि बुधवार रात वह यहीं रहेंगे और परिवार जैसा माहौल (family-like atmosphere) बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि गांव की सभी समस्याओं को प्राथमिकता दी जाएगी और लोगों से direct interaction करके समाधान निकाला जाएगा।

पंचायत की मांगें होंगी पूरी
Panchayat Demands to Be Fulfilled

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पंचायत प्रधान रामेश्वरी ठाकुर (Rameshwari Thakur) द्वारा रखी गई सभी demands को माना जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जैसे ही बजट (budget provision) उपलब्ध होगा, कार्य तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री का हुआ गर्मजोशी से स्वागत
Warm Welcome to CM by Locals

मुख्यमंत्री के शरची पहुंचने पर पंचायत प्रधान और स्थानीय ग्रामीणों ने उनका grand welcome किया। उन्हें गांव की स्थानीय देवी मां (local deity) की तस्वीर भेंट की गई, जो सम्मान का प्रतीक मानी जाती है।

बच्चों के साथ बिताया विशेष समय
Special Moments with Village Children

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री बच्चों से affectionately मिले और उनके साथ group photos भी खिंचवाईं। मुख्यमंत्री बच्चों से बातचीत करते हुए बेहद friendly और emotional नजर आए।

गांव को पर्यटन मानचित्र पर लाने की योजना
Plans to Develop Sharachi as a Tourist Spot

मुख्यमंत्री ने कहा कि शरची गांव को tourism perspective से विकसित किया जाएगा ताकि यहां के लोगों को आर्थिक लाभ (economic benefits) मिल सकें। सरकार की कोशिश है कि ऐसे दुर्गम गांव भी tourist destinations के रूप में पहचाने जाएं।

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