ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के विफल हमलों को देखते हुए हिमाचल की विद्युत परियोजनाएं हाई अलर्ट पर हैं। पंडोह से नंगल डैम तक CISF ने सुरक्षा बढ़ाई, जवानों की छुट्टियां रद्द।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा सुरक्षा खतरा
भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान द्वारा देश के कई शहरों पर किए गए विफल मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद हिमाचल प्रदेश की विद्युत परियोजनाओं और बांधों को लेकर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।
बांध और पावर प्रोजेक्ट्स पर अलर्ट
प्रदेश में चल रही प्रमुख बांध और विद्युत परियोजनाओं की सुरक्षा को पहले से दोगुना कर दिया गया है। इसमें पंडोह, शानन, बीएसएल लिंक, पौंग डैम, कौल डैम, कुल्लू, शिमला और किन्नौर जिले शामिल हैं। केंद्र व राज्य की खुफिया एजेंसियों और गृह मंत्रालय ने इन सभी प्रोजेक्ट्स के सुरक्षा प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा की है।
CISF और पुलिस की चौकसी
CISF (Central Industrial Security Force) की निगरानी में चल रही ब्यास सतलुज लिंक (BSL) परियोजना पर Red Alert घोषित किया गया है। पंडोह डैम से लेकर नंगल डैम तक सीआईएसएफ की सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है। जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और छुट्टी पर गए जवानों को वापस बुलाया गया है।
जांच और निगरानी के सख्त नियम
हर वाहन और व्यक्ति की सख्ती से जांच की जा रही है। रात्रि पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। हर कर्मचारी और अधिकारी को सुरक्षा संबंधित SOP (Standard Operating Procedure) का पालन करना अनिवार्य किया गया है।
सलापड़ पावर हाउस की खास सुरक्षा
990 मेगावाट बीएसएल परियोजना के तहत सलापड़ स्थित पावर हाउस पर उच्च स्तरीय सुरक्षा मानक लागू किए गए हैं। पंडोह डैम, बग्गी टनल, टेल कंट्रोल सुंदरनगर, ड्रेजर, पुंघ टनल और नंगल डैम पूरी तरह से सीआईएसएफ की निगरानी में हैं।