चंबा में राज्य सहकारी बैंक में हुआ बड़ा साइबर फ्रॉड, जहां एक ग्राहक के खाते से 11.55 करोड़ की संदिग्ध निकासी की गई। जानें इस हैरान कर देने वाली घटना की पूरी कहानी और बैंक प्रशासन की कार्रवाई। चंबा जिला की हटली शाखा में एक खाताधारक के खाते से मात्र दो दिन में कुल 11.55 करोड़ रुपए का लेन-देन किया गया। इसकी जानकारी बैंक की ओर से शिमला पुलिस को दी गई है। बैंक ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस से एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक में करोड़ों रुपए की संदिग्ध ऑनलाइन निकासी
हिमाचल प्रदेश के राज्य सहकारी बैंक की हटली शाखा से 11.55 करोड़ रुपए की संदिग्ध ऑनलाइन निकासी का मामला सामने आया है। यह लेन-देन केवल दो दिन में, 11 मई और 12 मई, 2025 को हुआ, जो कि बैंकिंग छुट्टियों के दिन थे। इसके बावजूद, इतनी बड़ी राशि आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) माध्यम से ट्रांसफर की गई। बैंक की तरफ से इस घटना की जानकारी शिमला पुलिस को दी गई है, और मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर दी है।
साइबर क्राइम की श्रेणी में मामला भेजा गया
बैंक के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (CISO) ने सदर पुलिस थाना शिमला में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें कहा गया कि ये संदिग्ध लेन-देन बैंक की ऑनलाइन सुरक्षा में छेद का संकेत हो सकता है। मामले को साइबर क्राइम की श्रेणी में आने के कारण, पुलिस ने इसे स्टेट सीआईडी के साइबर क्राइम पुलिस थाना शिमला को स्थानांतरित कर दिया है।
क्या है बैंक की भूमिका?
बैंक ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है और पुलिस को जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। इसके साथ ही, बैंक ने साइबर सुरक्षा को लेकर अपनी रणनीतियों की समीक्षा शुरू कर दी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
पुलिस की छानबीन: बड़ा सवाल – रकम का गंतव्य
एएसपी शिमला, नवदीप सिंह ने बताया कि यह बड़ी रकम संदिग्ध पाई गई है और पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह धनराशि किस खाते में स्थानांतरित की गई और इसका वास्तविक उद्देश्य क्या था। साइबर अपराध की जांच में पुलिस ट्रांसफर हुए पैसे का गंतव्य पता लगाने की कोशिश कर रही है।
बैंकिंग सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता
इस घटना ने साइबर सुरक्षा के महत्व को एक बार फिर से उजागर किया है। अब समय है कि बैंकों को अपनी ऑनलाइन सुरक्षा प्रणालियों को और मजबूत करना चाहिए और ग्राहकों को भी सुरक्षित लेन-देन की दिशा में जागरूक किया जाए।