`बिना NOC लगे बिजली मीटर पर कॉमर्शियल चार्ज: जानिए क्या है नियम और समाधान

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हिमाचल प्रदेश के शहरी क्षेत्र में बिना एनओसी के लगाए गए घरेलू बिजली मीटर को अब कॉमर्शियल में बदल जाएग। हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के आदेशों के अनुसार शहरी क्षेत्र में इस तरह बिना नक्शा पास करवा लगाए गए बिजली मीटरों पर इस तरह की कार्रवाई की जाएगी।

बिना NOC के लगे घरेलू बिजली मीटर होंगे कॉमर्शियल में तब्दील
Domestic Electricity Meters Without NOC to Be Converted to Commercial

हिमाचल प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बिना नक्शा पास करवाए और बिना NOC के लगाए गए घरेलू बिजली मीटर अब कॉमर्शियल कैटेगरी में लाए जाएंगे। यह निर्णय हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा लिए गए आदेशों के तहत लागू किया जा रहा है।

2. पूर्व सरकार के दौरान हुआ था फैसला, अब हो रहा है लागू
Decision Made Earlier, Now Being Implemented

यह मामला पूर्ववर्ती सरकार के समय सामने आया था, लेकिन तब इसे लागू नहीं किया जा सका। अब नियामक आयोग ने दोबारा इस दिशा में निर्देश जारी किए हैं और बिजली बोर्ड ने इसे अमल में लाने की तैयारी शुरू कर दी है।

3. शहरी क्षेत्रों में हजारों मीटर बिना नक्शा पास कर लगाए गए
Thousands of Meters Installed Without Building Map Approval in Urban Areas

शिमला सहित प्रदेश के अन्य शहरों में ऐसे हजारों बिजली मीटर लगे हैं जिनके लिए भवन का नक्शा पास नहीं करवाया गया था। पहले औपचारिकताएं कम थीं, इसलिए मीटर आसानी से लगा दिए जाते थे।

4. अब अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) अनिवार्य
NOC Now Mandatory for Domestic Connection

अब नियामक आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिना नगर निगम, नगर पंचायत या नगर परिषद से NOC लिए गए मीटर को घरेलू कैटेगरी में नहीं रखा जाएगा। ऐसे मामलों में उपभोक्ताओं को कॉमर्शियल दर पर बिजली बिल देना होगा।

5. सरकार सिर्फ एक मीटर पर देगी सबसिडी
Subsidy Will Be Provided on Only One Meter

राज्य सरकार अब केवल एक ही घरेलू बिजली मीटर पर सबसिडी देगी। इसके लिए KYC प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। बिना NOC लगे मीटरों को सबसिडी से वंचित रखा जाएगा और उन्हें कॉमर्शियल रेट पर बिल चुकाना होगा।

6. पुराना एरियर भी वसूलेगा बिजली बोर्ड
Electricity Board to Recover Past Dues as Well

नियामक आयोग ने बिजली बोर्ड को यह भी निर्देश दिया है कि ऐसे सभी उपभोक्ताओं से पिछले लगभग 10 वर्षों का एरियर भी वसूला जाए। यह निर्णय उपभोक्ताओं के विरोध का कारण बन सकता है।

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