हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर को फोरलेन से जोड़ने के लिए जल्द ही एक अंडरवाटर टनल बनाई जाएगी। इस टनल की मदद से यात्रा होगी आसान और ट्रैफिक में होगी कमी।
बिलासपुर की टूटी कनेक्टिविटी को जोड़ेगी अंडरवाटर टनल (Underwater Tunnel to Reconnect Bilaspur)
किरतपुर-नेरचौक फोरलेन (Four-Lane Highway) बन जाने के बाद भाखड़ा विस्थापितों के शहर बिलासपुर (Bilaspur) की कनेक्टिविटी टूट गई है। अब इसे दोबारा जोड़ने के लिए गोबिंदसागर झील (Gobind Sagar Lake) के नीचे से अंडरवाटर टनल (Underwater Tunnel) बनाने की योजना है।
प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर रहे हैं मंत्री राजेश धर्माणी (Minister Rajesh Dharmani Leading the Initiative)
इस योजना की पहल तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं घुमारवीं विधायक राजेश धर्माणी (Technical Education Minister Rajesh Dharmani) ने की है। उनका उद्देश्य है कि देश के लिए बलिदान देने वाले बिलासपुर के लोगों को फिर से मुख्य मार्ग (Highway Access) से जोड़ा जाए।
टनल निर्माण की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार (Feasibility Report Ready for Tunnel)
प्रोजेक्ट के लिए हायर किए गए कंसल्टेंट (Consultant) ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट (Feasibility Report) तैयार कर ली है। रिपोर्ट पर गहन चर्चा चल रही है। यदि तकनीकी रूप से टनल बनाना संभव पाया गया, तो इसका सर्वेक्षण (Survey) और आगे का काम शुरू किया जाएगा। वरना ब्रिज (Bridge) का विकल्प अपनाया जा सकता है।
लोकेशन और संभावित रूट का विवरण (Proposed Tunnel Route and Location)
रिपोर्ट के अनुसार, लोअर लखनपुर (Lower Lakhanpur) से टनल की शुरुआत होगी और यह डमली, ऋषिकेश (Damli near Rishikesh) के पास निकलेगी। टनल की संभावित लंबाई करीब 4.5 किलोमीटर (4.5 km) होगी।
तकनीकी चुनौतियाँ और टेस्टिंग (Technical Challenges and Soil Testing)
अभी यह जानना बाकी है कि झील में सिल्ट (Silt) और वाटर प्रेशर (Water Pressure) कैसा रहता है। मिट्टी और सिल्ट की टेस्टिंग (Testing) की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि टनल सुरक्षित तरीके से बनाई जा सकती है या नहीं।
प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत (Estimated Cost of the Project)
कंसल्टेंट की रिपोर्ट (Consultant’s Report) में इस टनल निर्माण की लागत लगभग 1900 करोड़ रुपये (₹1900 Crore) बताई गई है। सरकार इस रिपोर्ट का अध्ययन करके निर्णय लेगी कि टनल बनाई जाए या ब्रिज का विकल्प अपनाया जाए।
व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा (Boost to Trade and Tourism)
अगर टनल बनती है, तो यह बिलासपुर की इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) में मदद करेगी। व्यापार को नई दिशा मिलेगी और झील में टूरिज्म एक्टिविटीज (Tourism Activities) भी बढ़ेंगी।
ब्रिज ऑप्शन पर भी विचार (Bridge Option Also Under Consideration)
हालांकि लुहणू से फोरलेन तक पुल (Bridge) बनाने की योजना पहले भी सामने आई थी, लेकिन रेलवे लाइन के ऊंचे पिलर्स (Tall Railway Pillars) के चलते यह काफी मुश्किल है। यदि पुल बनाना पड़े, तो इसे रौड़ा स्कूल (Raura School) जितनी ऊंचाई पर तैयार करना होगा।