स्वदेश दर्शन योजना: हिमालय सर्किट के तहत मंजूर हुई सात परियोजनाएं

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99 करोड़ रूपये की मानतलाई और सुद्धमहादेव में पर्यटन सुविधाएँ विकसित करने की परियोजना, 86.39 करोड़ की अनंतनाग-पुलवामा-किश्तवाड़-पहलगाम-ज़ांस्कर-रंजीत सागर डैम विकास परियोजना और 91. 84 करोड़ की गुलमर्ग, बारामूला-कुपवाड़ा-कारगिल -लेह में पर्यटन सुविधाएं विकसित करने के परियोजना शामिल है।

हिमाचल प्रदेश को 68.34 करोड़ की परियोजनाओं की स्वीकृति

धर्मशाला। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा सांसद इंदु बाला गोस्वामी को संसद में बताया कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत हिमालय सर्किट के लिए सात परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। ये परियोजनाएं वर्ष 2016-17 में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों के विकास के लिए स्वीकृत हुई थीं। इनमें कियारीघाट, शिमला, हाटकोटी, मनाली, कांगड़ा, धर्मशाला, बीड़, पालमपुर और चंबा शामिल हैं, जिनके लिए 68.34 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।

जम्मू-कश्मीर में भी छह पर्यटन परियोजनाओं को स्वीकृति

पर्यटन मंत्री ने बताया कि हिमालय सर्किट के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर में छह परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इनमें प्रमुख रूप से जम्मू-श्रीनगर-पहलगाम, भगवती नगर-अनंतनाग-उरी-लेह कारगिल परियोजना (77.33 करोड़), जम्मू-राजौरी-शोपियां-पुलवामा परियोजना (81.60 करोड़), बाढ़ प्रभावित पर्यटन सुविधाओं की बहाली (90.43 करोड़), मानतलाई और सुद्धमहादेव में पर्यटन सुविधाएं (91.99 करोड़), अनंतनाग-पुलवामा-किश्तवाड़-पहलगाम-ज़ांस्कर परियोजना (86.39 करोड़) और गुलमर्ग-बारामूला-कुपवाड़ा-कारगिल-लेह पर्यटन विकास (91.84 करोड़) शामिल हैं।

राज्यों को मिल रही केंद्र की वित्तीय सहायता

पर्यटन मंत्री ने बताया कि स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को पर्यटन ढांचे के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इससे देशभर में पर्यटन सुविधाओं को बेहतर बनाया जा रहा है।

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