साफ कहा गया है कि कहीं पर कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो सीधे कार्रवाई होगी। जल शक्ति विभाग में कार्य को लेकर निकाले जाने वाले टेंडर में पूरी पारदर्शिता बरतने को कहा गया है। यदि कोई अधिकारी इसमें अनियमितता बरतता है, तो कड़ी कार्रवाई होगी।
जल शक्ति विभाग में टेंडर में गड़बड़ी के मामले पर सीएम के निर्देश के बाद विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।
जल शक्ति विभाग में टेंडर गड़बड़ी पर सख्त रुख
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने हाल ही में टेंडर प्रक्रिया (tender process) में पारदर्शिता (transparency) को लेकर अधिकारियों को कड़ी हिदायत (strict warning) दी थी। खासकर जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Department) की बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि टेंडर प्रक्रिया में कोई भी गड़बड़ी (irregularity) सहन नहीं की जाएगी। ठियोग (Theog) में सामने आए टेंडर गड़बड़ी के मामले की जांच (investigation) जारी है और इसमें कई अधिकारी संदेह (suspicion) के घेरे में हैं।
विजिलेंस जांच के बाद विभाग ने अपनाया सख्त रुख
जल शक्ति विभाग में विजिलेंस (vigilance) की जांच जारी है। विभाग की मुखिया ने इंजीनियरों (engineers) को टेंडर प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता (transparency) बरतने के आदेश (orders) जारी किए हैं। साफ निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी (irregularity) पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी पर सीधी कार्रवाई (direct action) होगी। इससे विभाग के अभियंताओं (engineers) में हलचल (unease) बढ़ गई है।
विशेष सर्कुलर के जरिए दिए गए निर्देश
जल शक्ति विभाग की ENC ई. अंजू शर्मा (E. Anju Sharma) ने इस संबंध में सभी Chief Engineers को विशेष सर्कुलर (special circular) जारी किया है। इसमें कहा गया है कि टेंडर नियमों (tender rules) का पूरी तरह पालन किया जाए। कुछ ठेकेदारों (contractors) ने शिकायत (complaint) की थी कि टेंडर प्रक्रिया नियमों के अनुरूप (as per guidelines) नहीं हो रही है। ऐसी शिकायतें सरकार के पास भी पहुंची हैं। अब विभाग ने सख्ती से निपटने (strict action) का फैसला लिया है।
टेंडर प्रक्रिया के नए नियम
एक लाख (1 lakh) तक के टेंडर ऑफलाइन (offline) जारी किए जाएंगे।
पांच लाख (5 lakh) तक के टेंडर के लिए मैनुअल (manual) और ई-टेंडर (e-tender) दोनों का विकल्प रहेगा।
जल शक्ति विभाग के तहत नई पाइपलाइन (new pipeline) बिछाने, टैंक निर्माण (tank construction), और मशीनरी खरीद (machinery purchase) जैसे कार्यों में पारदर्शिता (transparency) जरूरी होगी।
भविष्य में गड़बड़ी रोकने के लिए कड़े कदम
लोक निर्माण (Public Works) और जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Department) ऐसे दो महकमे हैं, जिनके लिए सबसे ज्यादा बजट (budget) खर्च किया जाता है। जल शक्ति विभाग ने अपनी आंतरिक रणनीति (internal strategy) के तहत जहां से भी शिकायतें मिली हैं, वहां सख्ती से निगरानी (monitoring) शुरू कर दी है। विभाग का लक्ष्य है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता (irregularity) न होने पाए।